शाहीन बाग में नागरिकता संशोधित कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही औरतों ने बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को मानहानि का नोटिस भेजा है। कानूनी नोटिस में तत्तकाल माफी और एक करोड़ रुपयों की मांग की गई है। प्रदर्शनकारी इस बात से नाराज हैं कि उन आरोप लगाया गया कि वह पैसे लेकर प्रदर्शन में शामिल हुई हैं।

गौरतलब है कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधित कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी को लेकर 36वें दिन भी प्रदर्शन जारी है। बीजेपी आईटी चीफ अमित मालवीय ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें दावा किया गया था कि महिलाओं को प्रदर्शन के लिए 500 रुपए प्रतिदिन दिए जा रहे हैं।

मालवीय को ये नोटिस वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है।पारचा प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार हैं। नोटिस दो महिलाओं की ओर से भेजा गया है।इन महिलाओं के नाम हैं- नफीसा बानो (जाक़िर नगर) और शहज़ाद फातमा (शाहीन बाग)।

नोटिस में लिखा गया, “प्रदर्शनकारियों के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर और उनका प्रचार करके  आपने संवैधानिक स्वतंत्रता के इस असाधारण काम की तरफ लोगों का ध्यान खींच रहे लोगों का अपमान किया है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि “सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर आपके द्वारा पोस्ट और समर्थन किए गए एक वीडियो, जिसे कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाया गया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनने के लिए 500-700 रुपये लिए हैं। ऐसे बयान केवल झूठे ही नहीं हैं। इसके अलावा इस बयान से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में प्रदर्शनकारियों को बदनाम किया गया है।

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