हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप ने जब गोल्डेन ग्लोब अवार्ड समारोह के दौरान बगैर नाम लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की  आलोचना की तो उनकी स्पीच का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसके बाद देश-दुनिया के टीवी और अखबारों में स्ट्रीप बहस का विषय बन गईं। ज्यादातर लोगों ने दुनिया के सबसे ताकतवर आदमी माने जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के बारे में “मन की बात” कहने पर उनकी जमकर तारीफ की। वहीं कुछ लोगों ने उनके हिलेरी क्लिंटन का समर्थक होने की याद दिलाते हुए उनकी मंशा पर सवाल भी खड़े किए। बहरहाल, हॉलीवुड की बहस बॉलीवुड न पहुंचे ऐसा मुमकिन नहीं। भारतीय सोशल मीडिया यूज़र स्ट्रीप के वीडियो के वीडियो के वायरल होते ही पूछने लगे कि क्या भारतीय फिल्म सितारे भी ऐसा साहस दिखा सकते हैं? यही सवाल इंडियन एक्सप्रेस ने फिल्म स्टार शाहरुख खान से पूछा। इंडियन एक्सप्रेस ने उनसे पूछा, “मेरिल स्ट्रीप के गोल्डेन ग्लोब स्पीच के बाद भारतीय सितारों के बारे में काफी बात हो रही है, खासकर बॉलीवुड की हस्तियों की चुप्पियों के बारे में। आपका क्या कहना है?”

खान ने इस सवाल का विस्तार से जवाब देते ये मानने से इनकार किया कि भारतीय फिल्म सितारे चुप्पी साधे रहते हैं। शाहरुख ने कहा, “मेरिल स्ट्रीप ने गोल्डेन ग्लोब में जो बोला वो अमेरिका में जो रहा है उससे जुड़ा है। उनके पास कुछ कहने के लिए था और उन्होंने वो कहा जिसमें वो यकीन रखती हैं। कोई पत्रकार तुलना करना शुरू करे इससे पहले मैं ये पूछना चाहूंगा कि क्या यहां भी वैसे ही हालात हैं? अगर यहां के हालात अलग हैं तो मुझे यकीन है कि जो लोग बोलना चाहते हैं वो अलग तरह से बोलेंगे।”

शाहरुख ने कहा कि उन्हें बहुत अटपटा लगता है जब भारतीय पत्रकार पूछने लगते हैं कि “भारतीय एक्टर कब इस तरह बोलना शुरू करेंगे?” शाहरुख ने भारतीय एक्टरों का बचाव करते हुए कहा, “भारतीय एक्टर ऐसे हालात के बारे में क्यों बोलें जो है ही नहीं। अगर कोई एजेंडा और हालात हैं जिस पर आप चाहते हैं कि हम बोलें तो आप हमसे पूछते हैं और हम निश्चित रूप से बोलते हैं।”

शाहरुख ने मीडिया के रवैये पर भी सवाल खड़ा किया। शाहरुख ने कहा, “मैं पलटकर पूछना चाहूंगा कि हमारे यहां के पत्रकार भी पश्चिमी पत्रकारों की तरह क्यों नहीं बरताव करते? आपने पत्रकारों को राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों से निडर होकर तथ्यों के साथ सीधा सवाल पूछते हुए देखा होगा? जब दूसरा उन्हें टोकता है तो वो रुक जाते हैं और कहते हैं अब उनका समय है?” यहां मैं पत्रकारों से कहना चाहता हूं कि ये आपका समय नहीं है इसलिए कृपया चुप रहें। क्या मैं उन लोगों के जवाब सुन सकता हूं जिनसे आपने सवाल पूछा है? टीवी पर दो पत्रकार होते हैं और वो आपस में ही बात करने लगते हैं और बाकी पैनलिस्ट बैठे रहते हैं लेकिन बात नहीं करते। ये अजीब जगह है…”

सुनें गोल्डेन ग्लोब अवार्ड में दिया गया मेरिल स्ट्रीप का भाषण-

शाहरुख ने कहा कि आजकल मीडिया हर बात पर रायशुमारी करने लगता है। शाहरुख ने कहा, “हर इंटरव्यू संपादकीय में बदल चुका है…।” शाहरुख ने मीडिया से सवाल किया कि वो सितारों के कमेंट, राय या बयानों को अपने “दृष्टिकोण” को आगे बढ़ाने के लिए क्यों इस्तेमाल करता है? शाहरुख ने कहा कि वो दर्शकों को हर फिल्म या दृष्टिकोण पसंद करने के लिए मजबूर नहीं करते या सिर पर बंदूक नहीं  रखते।

शाहरुख ने कहा, “मेरिल स्ट्रीप के बाद भारतीय एक्टरों से वैसा ही करने के बारे में पूछना बहुत ही अजीब है। ये कुछ ऐसा ही जैसे कोई मुझसे पूछे कि मैं टाइगर वूड्स की तरह गोल्फ क्यों नहीं खेल रहा। हालांकि उन्होंने जो कहा मैं उसकी सराहना करता हूं और हॉलीवुड फॉरेन प्रेस एसोसिएशन के आयोजन में दिए भाषण को साहसिक मानता हूं। लेकिन हमारे एक्टर, फिल्म निर्माता और पत्रकार भी बोलते हैं।” शाहरुख ने एक्टरों के लिए मीडिया में अभिव्यक्ति के उचित मंच न होने का मुद्दा उठाते हुए कहा, “आप मुझे ऐसा मंच दीजिए जहां मैं अपने विचार रख सकूं लेकिन आपके एजेंडे या स्टोरीलाइन के हिसाब से नहीं। मैं बोलूंगा- मैंने हमेशा बोला है, मैं हमेशा बोलूंगा।”

शाहरुख खान ने मीडिया और सोशल मीडिया के मौजूदा चरित्र पर परोक्ष रूप से तंज करते हुए कहा, “यहां पहले से ही बहुत शोर है। कई बार मैं इस शोर को बढ़ाना नहीं चाहता, मैं एक हैशटैग नहीं बनना चाहता। कई बार मैं ये समझने के लिए मौका चाहता हूं कि क्या हुआ है और फिर मैं सोच सकूं कि क्या इस पर बोलना चाहिए।….मैं जानता हूं कि मेरी बात मायने रखती है। मैं इसे उचित मंच और जगह पर कहना चाहूंगा और अपनी विचारधारा व्यक्त करना चाहूंगा। मैं हैशटैग ट्रेंड का हिस्सा नहीं बनना चाहता।”

शाहरुख खान ने इस मसले पर बॉलीवुड पर भी तंज किया। शाहरुख ने कहा, “कई ऐसे बेवकूफ हैं जो आपके कुछ पूछते ही बोलना शुरू कर देंगे। मेरा यकीन करिए आपको उनकी सुनने की जरूरत नहीं। जैसा कि सोशल मीडिया पर बहुत से लोग हैं। बिजली बचाने के लिए “सेव पावर डे” मनाया जाता है जब हम अपने घरों की बिजली कुछ घंटों तक बंद रखते हैं। इसी तरह लोगों को तीन घंटे तक ट्वीट और रीट्वीट बंद कर देना चाहिए और बस आराम करना चाहिए।”

(इस मसले पर शाहरुख खान से इंडियन एक्सप्रेस की अलका साहनी से पूरी बातचीत आप संडे एक्सप्रेस की रविवारीय पत्रिका “आई” में रविवार (29 जनवरी) को पढ़ सकते हैं।)