ऑपरेशन सिंदूर और शिमला समझौते के निलंबन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बावजूद SGPC ने भारतीय श्रद्धालुओं को पाकिस्तान भेजने का ऐलान किया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने गुरुवार को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में नवंबर में सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था पाकिस्तान भेजने की योजना की घोषणा की।

एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने एक बयान में कहा, “पिछले वर्षों की तरह, एसजीपीसी श्री गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान के विभिन्न ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन के लिए एक जत्था भेजेगी।” उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा में शामिल होने के इच्छुक श्रद्धालुओं को 4 अगस्त तक अपना पासपोर्ट और क्षेत्र के एसजीपीसी सदस्य की सिफारिश एसजीपीसी के यात्रा विभाग को जमा करनी होगी।

श्री ननकाना साहिब और पाकिस्तान में स्थित धार्मिक स्थलों के दर्शन पर भेजने की योजना

इस तीर्थयात्रा में गुरु नानक देव के जन्मस्थान गुरुद्वारा जन्मस्थान श्री ननकाना साहिब और पाकिस्तान में स्थित अन्य धार्मिक महत्व के स्थलों के दर्शन शामिल हैं। यह व्यवस्था 1972 के शिमला समझौते पर आधारित एक एग्रीमेंट के अंतर्गत आती है, जो सिख तीर्थयात्रियों को वर्ष में चार बार पाकिस्तानी गुरुद्वारों के दर्शन करने की अनुमति देता है।

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मौजूदा तीर्थयात्रा व्यवस्था के तहत, गुरु नानक जयंती पर 3,000 तक भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान जाने की अनुमति है। समझौते के तहत गुरु अर्जन देव के शहीदी दिवस पर 1,000 और महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर 500 तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति है।

एसजीपीसी ने इससे पहले जून में सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर पाकिस्तान जत्था न भेजने का फैसला किया था। यह फैसला भारत द्वारा सिंधु जल संधि से हटने के बाद अप्रैल के अंत में पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते को स्थगित करने सहित कई राजनयिक तनावों के बाद लिया गया था।

भारत ने पाकिस्तान पर किया था ऑपरेशन सिंदूर

भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। यह हमला कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 22 अप्रैल को 26 लोग मारे गए थे। यह भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष में बदल गया, जिसके बाद 10 मई को सीजफायर की घोषणा की गई। पढ़ें- सोशल मीडिया की आजादी पर लगेगी लगाम?