सामरिक बल कमांड (SFC) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर बुधवार रात करीब सात बजे नई पीढ़ी की अग्नि प्राइम बैलेस्टिक मिसाइल (New Generation Ballistic Missile Agni-Prime) का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि यह परीक्षण ओडिशा तट के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर किया गया। परीक्षण के दौरान कई उपकरणों से इसकी निगरानी की गई। परीक्षण पूरी तरह सफल रहा और सभी मानकों पर खरा उतरा। टर्मिनल प्वाइंट पर तैनात दो डाउनरेंज जहाजों समेत दूसरे स्थानों पर तैनात कई रेंज सेंसर से कैप्चर डेटा से भी इसकी पुष्टि हुई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी वैज्ञानिकों को बधाई

इस सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरी टीम को बधाई दी है। डीआरडीओ के प्रमुख डॉ.समीर वी कामथ ने टीम के सहयोगियों और वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। इस दौरान प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सामरिक बल कमांड के प्रमुख और डीआरडीओ तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

तीन टेस्ट के बाद यह पहला प्री-इंडक्शन नाइट लांच था

मिसाइल के तीन सफल विकास परीक्षणों के बाद किया गया यह पहला प्री-इंडक्शन नाइट लांच था, जिसने सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता की पुष्टि की। इससे पहले भारत ने पिछले महीने न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5 Missile) की पहली फ्लाइट की सफल टेस्टिंग की थी।

यह मिसाइल लंबी दूरी की मिसाइल थी, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने बनाया गया है। यह अग्नि सीरीज की 5000 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता वाली सबसे लंबी दूरी की मिसाइल कही जाती है। अग्नि मिसाइलें 1990 के दशक की शुरुआत से भारतीय सशस्त्र बलों के शस्त्रागार में रही है। अग्नि 5 मिसाइल MIRV टेक्नोलोजी से भी लैस है।

MIRV टेक्नोलोजी क्या है?

MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) एक ही मिसाइल से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस अग्नि की मारक क्षमता 5,000 किमी से अधिक है, जो इसे लंबी दूरी की मिसाइल बनाती है और इसका उद्देश्य मुख्य रूप से चीन की चुनौती को विफल करना है।

अब तक, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के पास MIRV मिसाइलें हैं। इन मिसाइलों को जमीन से या समुद्र से पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है। जहां पाकिस्तान ऐसी मिसाइल प्रणाली पर काम कर रहा है वहीं माना जाता है कि इजरायल के पास भी यह मौजूद है। इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी।