दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स (Mpox) वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बड़ा बयान दिया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया Mpox की वैक्सीन बना रहा है। इसकी घोषणा खुद सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने की। उन्होंने कहा कि एमपॉक्स के प्रकोप के कारण ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित हुई है। इसके मद्देनजर लाखों लोगों की मदद के लिए हम एक वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि एक साल के अंदर हमारे पास इससे संबंधित अच्छी खबर होगी।

अफ्रीकी देश में सबसे पहले फैला मंकीपॉक्स

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक अफ्रीकी देश कांगो, बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत अन्य देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अफ्रीका के अन्य हिस्सों में मंकीपॉक्स प्रकोप को स्वास्थ्य संबंधी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम ने बताया कि मंकी पॉक्स एक ऐसी बीमारी है, जिससे हम सभी को चिंतित होने की जरूरत है। इस बीमारी के फैलने की शुरुआत अफ़्रीकी देश कांगो में हुई थी।

बता दें कि इससे पहले जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था। तब दुनियाभर के 116 देशों में इसके एक लाख से अधिक मामले सामने आए थे। वहीं दुनियाभर में तब इससे 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। अकेले कांगो में इसके 14 हजार से अधिक मामले सामने आए। मंकीपॉक्स से महिलाएं और 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होता है।

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कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है। इसमें हल्का बुखार होता है। हालांकि कुछ मामलों में यह घातक भी हो सकता है। लक्षणों में सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द के साथ त्वचा पर दर्दनाक फोड़े हो सकते हैं। ये स्किन के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।

एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 7 से 14 दिन बाद दिखाई देते हैं। मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित बंदर, चूहे और गिलहरी के संपर्क में आने से फैलता है। आमतौर पर ये बीमारी 21 दिन तक रहती है।