Serum Institute Demands Regulatory Approval for Booster Dose: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अपनी COVID-19 वैक्सीन कोवोवैक्स- को 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज (Booster Doze) के रूप में बाजारों में उतारने के लिए DCGI की मंजूरी मांगी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, SII ने उन वयस्कों को दिए जाने वाले टीके के लिए मंजूरी मांगी है, जिन्हें कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक दी गई है। कोवोवैक्स, नोवोवैक्स इंक द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के लाइसेंस के तहत निर्मित एक कोविड वैक्सीन का स्वदेशी संस्करण है।
COVOVAX को दिसंबर 2021 में मिली थी WHO से मंजूरी
Covovax कोविड वैक्सीन का देसी वर्जन है। इसे Novovax Inc ने डेवलप किया है। सीरम ने इसका उत्पादन किया है। ये एक तरह का प्रोटीन वैक्सीन है जो शरीर में इम्युनिटी पैदा करता है। दिसंबर 2021 में Covovax को WHO ने बूस्टर डोज के तौर पर मान्यता दी थी। WHO ने कहा था कि कम आय वाले देशों के लिए ये एक वरदान की तरह है। सीरम की ये वैक्सीन इमरजेंसी में कोविड के तमाम वायरसों से लड़ने में कारगर है। सीरम के निदेशक अदार पूनावाला ने कहा था कि ये हमारी उपलब्धि है कि WHO ने Covovax को मान्यता दी।
Adar Poonawala ने Tweet कर बताया मील का पत्थर
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO आदार पूनावाला ने इसे मील का पत्थर बताते हुए कहा, “कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में यह एक और मील का पत्थर है। Covovax अब आपातकालीन उपयोग के लिए WHO ने इसे इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए इजाजत दी है। कोविड से बचने के लिए यह बूस्टर डोज बेहतरीन सुरक्षा और प्रभाव दिखा रहा है। एक महान सहयोग के लिए आप सभी का धन्यवाद।” आपको बता दें कि SII Covishield वैक्सीन भी बनाती है जिसे भारतीय टीकाकरण अभियान में व्यापक रूप से रोल आउट किया गया है।
जानिए कैसे काम करता है COVOVAX?
Covovax शरीर में जाने के बाद इम्युनिटी सेल्स को सक्रिय करती है। इसके नेनो पार्टिक्लस ये काम बखूबी करते हैं। इनकी सक्रियता से शरीर की B सेल्स एंटीबॉडीज को छोड़ने लग जाती हैं। जब एक असली वायरस शरीर पर हमला करता है तो ये अपना काम करने लग जाती हैं।