प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2018 के सियोल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है। यह ऐलान द सियोल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन ने किया, जिसके अध्यक्ष नॉन ई-ह्यॉक हैं। 68 वर्षीय पीएम मोदी को यह सम्मान भारत और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के विकास, ‘मोदीनॉमिक्स’ के जरिए अमीर-गरीब के बीच की सामाजिक व आर्थिक असमानता कम करने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार लाने, वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास में वृद्धि करने, भारतवासियों के जीवन स्तर में परिवर्तन करने और लोकतंत्र का विकास करने के लिए दिया गया है।

शांति पुरस्कार से जुड़ी चयन समिति के अध्यक्ष चो चुंग हो के मुताबिक, सियोल शांति पुरस्कार के लिए दुनिया भर के तकरीबन 100 लोगों के बीच टक्कर थी। सूची में कई देशों के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, राजनेता, कारोबारी, धार्मिक नेता, शोधार्थी, पत्रकार, कलाकार, एथलीट्स और अंतर्राष्ट्रीय संगठन तक शामिल थे। उन्होंने आगे बताया कि शांति पुरस्कार से जुड़ी चयन समिति में 12 लोग शामिल थे, जिनके लिए विजेता का नाम तय करना बेहद कठिन रहा।

पीएम को मिलने वाले इस सम्मान से संबंधित जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साझा की।

समिति ने भारतीय पीएम को इस पुरस्कार के लिए ‘परफेक्ट कैंडिडेट’ बताया। वह यह पुरस्कार जीतने वाली 14वीं शख्सियत हैं। समिति ने न सिर्फ पीएम को पुरस्कार से सम्मानित किया, बल्कि सरकार और तंत्र की सफाई व उसे सुचारू ढंग से चलाने के लिए मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियानों की सराहना भी की, जिसमें नोटबंदी भी शामिल है।

पीएम मोदी को इस सम्मान के साथ पुरस्कार राशि के रूप में तकरीबन एक करोड़ छियालीस लाख तेंतालीस हजार रुपए (200,000 डॉलर्स) दिए जांएंगे जाएगी। उनसे पहले यह सम्मान पाने वालों में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष जुआन एंटोनियो समरान्च, अमेरिकी सेक्रेट्री ऑफ स्टेट प्रैट शुल्ट्ज, डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (गैर सरकारी संस्था), नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डेनिस मुक्वेग और संयुक्त राष्ट्र सचिव- जनरल कोफी अन्नान और बान की मून शामिल हैं। इससे पहले, तीन अक्टूबर को उन्हें यूएन ने पर्यावरण क्षेत्र के सर्वोच्च पुरस्कार- चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड दिया था।