तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की हालत ठीक नहीं है। फिलहाल उनके केंद्रीय कारागार Puzhal के अस्पताल में रखा गया है। उनकी निगरानी में लगे जेल स्टाफ का कहना है कि सेंथिल की सेहत को देखते हुए उनको A क्लास कैदियों के लिए निर्धारित खाना दिया जा रहा है। अस्पताल के चिकित्सक लगातार उनकी सेहत की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सर्जरी के बाद से ही सेंथिल चेस्ट पेन की शिकायत कर रहे हैं।

ईडी ने सेंथिल बालाजी को नौकरी के बदले पैसा लेने के घोटाले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने उनके घर पर छापेमारी के तकरीबन 12 घंटों के बाद उनको ईडी ने अपनी कस्टडी में ले लिया था। ईडी की कस्टडी में जब सेंथिल को लेकर जाया जा रहा था तभी उनकी अचानक से तबियत बिगड़ गई और उनको अस्पताल लेकर जाया गया।

बालाजी की 21 जून को हॉर्ट सर्जरी की गई थी। चेन्नई के कावेरी अस्पताल में कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी की गई थी। सेंथिल बालाजी ने बीमार होने के बाद तमिलनाडु हाईकोर्ट से उनको प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिल कराने की अपील की थी जिसे हाईकोर्ट ने मान लिया था। कुछ दिनों तक निजी अस्पताल में दाखिल रहने के बाद बालाजी को केंद्रीय कारागार Puzhal के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।

हाईकोर्ट गई थीं सेंथिल की पत्नी, नहीं मिल सकी राहत

हालांकि सेथिल की पत्नी ने Habeas Corpus याचिका लगाकर हाईकोर्ट से उनको राहत देने की मांग की थी। लेकिन अदालत ने इनकार कर दिया। इस मामले में हाईकोर्ट भी दो फाड़ होने लगा था। दो जजों की बेंच ने सेंथिल की पत्नी की याचिका पर खंडित फैसला दिया था। उसके बाद तीसरे जज ने सेंथिल की अरेस्ट को सही ठहराया था। फिर उनको मौजूदा जेल में शिफ्ट कर दिया गया। बालाजी पर आरोप है कि 2011-15 के दौरान AIADMK सरकार में मंत्री रहते उन्होंने नौकरी सके बदले कैश घोटाले को अंजाम दिया। उस दौरान वो मंत्री थे। ईडी मनी लांड्रिंग के तहत मामले की जांच कर रही है।

तमिलनाडु सरकार पर ईडी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ सेंथिल बालाजी जेल के भीतर हैं तो दूसरी तरफ उच्च शिक्षा मंत्री पर भी एजेंसी ने शिकंजा कस दिया है। हालांकि सूबे के सीएम एमके स्टालिन का कहना है कि ईडी की हरकत से उनको चुनाव में फायदा ही होने वाला है।