तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश सचिव एस.जी. सूर्या को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। भारी सुरक्षा के बीच सूर्या को पुलिस मदुरै जज के क्वार्टर लेकर आई। उन्हें मदुरै के सांसद सु वेंकटेशन पर उनके हालिया ट्वीट के सिलसिले में कल रात गिरफ्तार किया गया था।
भाजपा ने कहा बदले की राजनीति
दरअसल, एक ट्वीट में भाजपा नेता ने सफाईकर्मी की मौत को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पार्षद विश्वनाथन और सांसद वेंकटेशन से सवाल किए थे। सूर्या की गिरफ्तारी को लेकर AIADMK ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर आरोप लगाया है कि वो बदले की राजनीति जानते हैं। ED ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। भाजपा ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए राज्य सरकार पर बोलने की आजादी को कम करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। दरअसल, 14 जून को बिजली मंत्री और DMK नेता सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी हुई थी।
पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने का प्रयास बताया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि यह कार्रवाई भाजपा के प्रदेश सचिव सूर्या द्वारा उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर जारी एक पोस्ट को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की ओर से की गई शिकायत के आधार पर की गई। पुलिस ने कहा कि सूर्या को आईपीसी और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया।
हम सच सामने लाने का प्रयास जारी रखेंगे- अन्नामलाई
अन्नामलाई ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रदेश सचिव सूर्या की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय है। उनकी एकमात्र गलती द्रमुक के सहयोगी कम्युनिस्टों के दोहरे मानदंडों को उजागर करना था। अभिव्यक्ति की आजादी को कम करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करना और थोड़ी-सी आलोचना से घबरा जाना, एक लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता के वास्तव में अलोकतांत्रिक और निरंकुश नेता बनने का संकेत है।’’ उन्होंने कहा कि ये गिरफ्तारियां हमें नहीं डिगाएंगी। हम सच सामने लाने का प्रयास जारी रखेंगे।
विरोधी आवाजों को दबाने की कोशिश- बीजेपी
बीजेपी नेता ने लिखा, “DMK, विचारों के साथ आलोचना का मुकाबला करने में असमर्थ है और उनकी आवाज़ को चुप कराने की कोशिश करती है। तमिलनाडु में सरकार की गतिविधियों की आलोचना करने वाले को गिरफ्तार करने की एक अलोकतांत्रिक प्रवृत्ति है।” उन्होंने कहा कि सरकार को यह याद रखना चाहिए कि सभी विरोधी आवाज़ों को दबाने की कोशिश की जा रही है। खुद को अभिव्यक्ति की आजादी के रखवाले के रूप में पेश करना ज्यादा समय तक नहीं चलेगा।
दरअसल, सूर्या ने विश्वनाथन नाम के एक कम्युनिस्ट पार्षद पर एक स्वच्छता कार्यकर्ता को मल से भरे एक नाले को साफ करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप एलर्जी के कारण कार्यकर्ता की मौत हो गई। एमपी वेंकटेशन को लिखे पत्र में, सूर्या ने इस घटना की कड़ी आलोचना की, जिसके बाद उनके समर्थकों ने दावा किया कि इसी वजह से उनकी गिरफ्तारी हुई है।