आगामी सात जून को प्रणब मुख्रजी द्वारा आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीके जाफर शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति को उसपर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है। जाफर शरीफ ने प्रणब मुखर्जी को लिखे अपने खत में कहा है कि, ‘ये सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि आप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम का हिस्सा बनने नागपुर में उनके मुख्यालय जा रहे हैं। मुझे ये समझ में नहीं आ रहा कि आपने आखिर किस मजबूरी के चलते ये फैसला किया है।’ कभी इंदिरा गांधी के बेहद करीबी रहे सीके जाफर ने ये भी कहा है कि, ‘हमारी पार्टी जो कि हमेशा से सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ खड़ी रही है उसके सदस्यों ने जब से सुना है कि आप आरएसएस के कार्यक्रम में जाएंगे वो सभी हैरान हैं और इसपर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।’ इस कार्यक्रम में जाने का फैसला वापस लेने की अपील करते हुए जाफर शरीफ ने लिखा कि, ‘ऐसे मौके पर जब लोकसभा चुनाव आने वाले हैं तब आपका संघ के मुख्यालय जाना ठीक नहीं है।’ बता दें कि रविवार से ही ये खबर मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रह चुके प्रणब मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस खबर के सामने आने के बाद से ही कांग्रेस में इसके खिलाफ आवाजें तो उठने लगीं लेकिन पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई थी।

आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति के शामिल होने की खबर से मचे हायतौबा पर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी अपनी बात सामने रखी। गडकरी ने कहा कि ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है, कोई ISI नहीं है कि प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी को लेकर इतना हंगामा किया जा रहा है।

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब प्रणब मुखर्जी संघ के शीर्ष नेताओं से रूबरू होंगे। इससे पहले भी वह कई मौकों पर आरएसएस के शीर्ष नेतृत्‍व के साथ मंच साझा कर चुके हैं। प्रणब मुखर्जी ने राष्‍ट्रपति रहते हुए आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत को राष्‍ट्रपति भवन में लंच पर आमंत्रित किया था। उस वक्‍त भागवत के राष्‍ट्रपति बनने की कयासबाजी जोरों पर थी। प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में भी मोहन भागवत से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन के उद्घाटन के मौके पर भी आरएसएस के शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया गया था। हालांकि, उस वक्‍त प्रणब मुखर्जी और संघ नेताओं की मुलाकात पर ज्‍यादा कोलाहल नहीं हुआ था।