देश में फिलहाल यूनिफ़ोर्म सिविल कोड पर चर्चा जारी है। संसद के मानसून सत्र में सरकार UCC पर ड्राफ्ट पेश कर सकती है। ऐसे में कांग्रेस भी इस मुद्दे पर अपना मत रखने की तैयारी कर रही है। पार्टी के कानूनी सलाहकार नेताओं ने शनिवार (15 जुलाई) को एक बैठक की है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस का UCC को लेकर क्या मत रहेगा, इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा हुई है।
बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, अभिषेक सिंघवी, विवेक तन्खा, मनीष तिवारी और केटीएस तुलसी शामिल थे। इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को रिपोर्ट दी गई है।
बैठक में क्या हुआ है?
सूत्रों ने कहा कि 1 घंटे से ज़्यादा चली इस बैठक में इन नेताओं का विचार था कि पार्टी को यूसीसी पर बारीकी से अपना रुख तय करना चाहिए क्योंकि यह मुद्दा काफी जटिल है। कांग्रेस के इन नेताओं का मानना है कि भाजपा चाहेगी कि कांग्रेस यूसीसी के पक्ष या विपक्ष में कोई रुख अपनाए, लेकिन पार्टी को कोई रुख अपनाने से पहले अलग-अलग पहलुओं पर गौर करना होगा। पार्टी को फिलहाल इस मुद्दे पर जल्दबाज़ी में फैसला लेने के बजाए इंतज़ार करना चाहिए।
क्या सरकार चुनाव को देखते हुए UCC लाना चाहती है?
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम विरासत की समानता जैसे पहलुओं का समर्थन करते हैं लेकिन हम एकरूपता थोपने का विरोध करते हैं। कहा कि सब कुछ सरकार की मंशा पर निर्भर करता है, हमें यह देखना होगा कि क्या सरकार व्यक्तिगत कानूनों में सुधार के को लेकर ईमानदार है या क्या वह चुनावों को ध्यान में रखते हुए इस एक शिगूफ़े के तौर पर पेश कर रही है।
एक अन्य नेता ने कहा कि हम सरकार की चाल में फसने से बचना चाहते हैं और यूसीसी को लेकर सरकार की मंशा पर सबकुछ तय होता है। हो सकता है कि सरकार सिर्फ चुनाव में फायदे के लिए ऐसा कर रही हो।
कांग्रेस के अलावा उन्हीं के साथी शिवसेना ने यूसीसी के समर्थन की बात कही है। दूसरी तरफ बसपा का कहना है कि वह UCC का विरोध नहीं करते हैं लेकिन जिस तरह भाजपा इसे लाना चाहती है वह इसके समर्थन में भी नहीं है।