पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज का दिल्ली में रविवार को 83 साल की उम्र में देहांत हो गया। उनके परिवार की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि हंसराज भारद्वाज की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई। परिवार के अनुसार कांग्रेस नेता की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही थी। कानून मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने भारद्वाज के निधन पर शोक प्रकट किया है।

प्रसाद ने संसद में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के साथ अपने जुड़ाव को याद किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ हंसराज भारद्वाज के निधन की दुखद खबर सुनकर बहुत दुख हुआ जो लंबे वक्त तक भारत के कानून मंत्री रहे। हम संसद में साथ रहे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’

इससे पहले भारद्वाज को किडनी से जुड़ी समस्या के कारण दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके बेटे अरुण भारद्वाज ने बताया कि उनके पिता का अंतिम संस्कार सोमवार को शाम 4 बजे निगम बोधघाट पर किया जाएगा। हंसराज भारद्वाज 2012 से 2013 तक केरल के राज्यपाल भी रहे।

भारद्वाज कांग्रेस के पूर्व गांधी राहुल गांधी के आलोचक माने जाते थे। साल 2018 में राहुल गांधी जब पार्टी के  अध्यक्ष थे उस दौरान हंसराज भारद्वाज ने कहा था कि वह राहुल  को नेता नहीं मानते। उनका कहना था कि वह उन्हें तब तक नेता नहीं मानेंगे जब तक जनता उन्हें स्वीकार ना कर ले। उन्होंने कहा था कि राहुल अभी सीख रहे हैं।

धर्म की राजनीति के खिलाफ थेः हंसराज भारद्वाज धर्म की राजनीति के खिलाफ थे। उनका मानना था कांग्रेस के असफल होने के पीछे धर्म की राजनीति हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि धर्म के नाम पर राजनीति करना गलत है।

न्यायपालिका को प्रभावित करने का उठाया था मुद्दाः साल 2016 में हफिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में हंसराज भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि कानून मंत्री रहने के दौरान उनके साथियों ने न्यायपालिका को प्रभावित करने की बात कही थी। हंसराज भारद्वाज यूपीए 1 में साल 2004 से 2009 के दौरान कानून मंत्री थे।