सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में दोषी करार दिया है। प्रशांत पर चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे के खिलाफ कथित तौर पर ट्वीट करने का आरोप है। उनकी सजा पर अब 20 अगस्त को बहस होनी है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस प्रशांत भूषण को कोर्ट ने कंटेप्ट का दोषी करार दिया है, वह आज से तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोलने वाले जस्टिस सीएस कर्णन पर अवमानना कार्रवाई को सही ठहरा रहे थे।
क्या था पूर्व जज सीएस कर्णन का मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल पहले हाईकोर्ट के तत्कालीन जज सीएस कर्णन को अदालत की अवमानना का दोषी पाया था और उन्हें छह महीने जेल की सजा सुनाई थी। दरअसल, कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के 14 और मद्रास हाईकोर्ट के 19 जजों के खिलाफ टिप्पणी की थी। उन्होंने सभी पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया था। हालांकि, तब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अवमानना का दोषी माना था।
प्रशांत भूषण का क्या था बयान?
इस पर प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा था- “खुशी हुई की सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार अदालत की अवमानना करने के लिए कर्णन को जेल भेज दिया। उन्होंने जजों पर अनाप-शनाप आरोप लगाए और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ भी बकवास आदेश जारी किए।”
पहले भी अवमानना मामले में नोटिस पा चुके हैं प्रशांत भूषण
प्रशांत भूषण को इससे पहले नवंबर 2009 में भी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया था। तब उन्होंने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों पर टिप्पणी की थी। इस पर अदालत ने उनसे जवाब मांगा था।
वहीं इस बार सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े और चार पूर्व सीजेआई के खिलाफ दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। साथ ही सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को भी फटकार लगाई थी।