गुजरात के वडोदरा में एक शख्स ने पड़ोसियों के विरोध के चलते मुस्लिम परिवार को मकान बेचने से इनकार कर दिया। मामला शहर के वसना इलाके का है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसियों ने दलील दी कि इससे इलाके में प्रॉपर्टी की कीमत गिर जाएगी। समर्पण सोसायटी के लोगों ने ‘डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट’ का हवाला देते हुए संपत्ति मुस्लिम परिवार को बेचने पर आपत्ति दर्ज कराई।

मुस्लिमों को बेचे गए थे कुछ मकानः सोसायटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह कानून हिंदू बाहुल्य इलाकों में मुस्लिमों और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हिंदूको प्रॉपर्टी की बिक्री करने की अनुमति तब तक नहीं देता जब तक उसके आसपास रहने वाले लोग सहमत न हों। इलाके में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस भी तैनात थी। सोसायटी में करीब 170 मकान हैं, जिनमें से दो 2017 में मुस्लिमों को बेचे गए थे और एक अन्य मकान 99 साल के लिए लीज पर दिया गया था।

संपत्ति के लेन-देन से पहले एनओसी जरूरीः जेपी रोड पुलिस थाने के क्षेत्र में आने वाली समर्पण सोसायटी (सिटी सर्वे नंबर 522 से 527, 680 से 712) को 2014 में ‘डिस्टर्ब्ड एरिया’ घोषित कर दिया गया था। इसके मुताबिक किसी भी संपत्ति के लेन-देन से पहले नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा। यह एनओसी सोसायटी के प्रमुख जारी करेंगे, जिस पर कलेक्टर की सहमति भी जरूरी होगी।

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संपत्ति मालिक ने दिया यह बयानः संपत्ति का सौदा रद्द करने वाले महेश पलानी ने जब अपने मकान को बेचने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन के लिए आवेदन दिया, लेकिन खरीदार मुस्लिम होने के चलते सोसायटी के लोगों ने मकान दिखाने तक नहीं दिया। रविवार को पलानी ने सौदा रद्द कर दिया। उन्होंने कहा, ‘चूंकि खरीदार बेहद करीबी मित्र के जरिये आए थे, इसलिए मुझे प्रॉपर्टी दिखाने में कुछ गलत नहीं लगा। ‘