देश की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति पद की शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एनवी रमणा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलवाई। वहीं शपथ ग्रहण में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पीएम नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय मंत्रीगण, कई राज्यों के राज्यपाल, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद समेत अन्य नेता शामिल हुए। लेकिन अब शपथग्रहण को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि शपथग्रहण के दौरान उन्हें बैठने की सही जगह नहीं दी गई और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। इसकी शिकायत उन्होंने राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू से की है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाते हुए पत्र के माध्यम से कहा कि विपक्ष के नेता की हैसियत से उन्हें जो जगह बैठने के लिए दी जानी थी, वो नहीं दी गई।

इस बारे में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट कर जानकारी दी और राज्यसभा अध्यक्ष को भेजे गए पत्र को ट्वीट कर शेयर किया। इस पत्र पर कई राज्यसभा सांसदों के हस्ताक्षर हैं और उन्होंने आश्चर्य जताया है।

बता दें कि आज द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद संबोधन भी किया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है। राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।”

द्रौपदी मुर्मू के शपथ लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति पद ग्रहण करना भारत के लिए विशेष रूप से गरीबों, हाशिए पर पड़े और दलितों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। मैं उन्हें एक उपयोगी राष्ट्रपति कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में आशा और करुणा का संदेश दिया है।”