भारत इस साल SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने SCO शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे विभन्न राष्ट्र के अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंक रिजनल और ग्लोबल पीस के लिए एक खतरा है। हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा। कुछ देश क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म को अपनी नीतियों के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और आतंकियों को पनाह देते हैं।
उन्होंने कहा कि SCO को ऐसे देशों की निंदा करने में संकोच नहीं करना चाहिए। SCO देशों को इसकी निंदा करनी चाहिए। आतंकवाद पर कोई डबल स्टैंडर्ड नहीं होना चाहिए। अफगानिस्तान के हालात पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति का हम सभी देशों की सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ा है। हम सभी को अफगानिस्तान के लोगों के वेलफेयर के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। यह महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग पड़ोसी देशों में अशांति फैलाने या चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए नहीं जाना चाहिए।
अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने SCO के भीतर सहयोग के पांच स्तंभ स्थापित किए हैं: स्टार्टअप और इनोवेशन, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल इंक्लूजन और साझा बौद्ध विरासत। बीते दो दशकों में SCO पूरे यूरेशिया रिजन की शांति, विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। इस क्षेत्र के साथ भारत के हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंध हमारी साझा विरासत का जीवंत प्रमाण हैं।
आइए आपको बताते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की बड़ी बातें
- AI आधारित लैंग्वेज प्लेटफॉर्म भाषिनी- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें SCO के भीतर भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए भारत के AI-आधारित लैंग्वेज प्लेटफॉर्म भाषिनी को सभी के साथ शेयर करने में खुशी होगी। यह डिजिटल तकनीक और समावेशी विकास का उदाहरण बन सकता है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि SCO संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थानों में सुधारों के लिए एक महत्वपूर्ण आवाज बन सकता है। मुझे खुशी है कि ईरान SCO परिवार में एक नए सदस्य के रूप में शामिल हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम बेलारूस की एससीओ सदस्यता के लिए दायित्व ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का भी स्वागत करते हैं।
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं और पिछले दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास में काफी योगदान दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। यह जरूरी है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या चरमपंथी विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ है? क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है? क्या SCO एक ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है?”
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि SCO के अध्यक्ष के रूप में, भारत ने हमारे बहुआयामी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इन सभी प्रयासों को हमने दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित किया है। इसमें पहला वसुधैव कुटुम्बकम यानी पूरी धरती हमारा परिवार है और दूसरा सुरक्षा, अर्थव्यवस्था एवं व्यापार, संपर्क, एकता, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण है।