क्रिसमस के दिन ‘‘सुशासन दिवस’’ मनाने के मकसद से स्कूलों को खोले रखने के लिए दिये गये सरकारी आदेश संबंधित खबरों पर आज विपक्ष ने राज्यसभा में भारी विरोध जताया जबकि सरकार की ओर से सफाई दी गयी कि ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। सरकार ने कहा कि इस विषय पर केवल एक ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गयी है।

विपक्ष द्वारा आज शून्यकाल में यह मुद्दा उठाये जाने पर सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है।’’
उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री ने उन्हें सूचित किया है कि ऐसे कोई निर्देश नहीं जारी किये गये हैं। केवल एक ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता होगी। बात बस इतनी ही है।

इससे पहले माकपा नेता सीताराम येचुरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि स्कूलों से कहा गया है कि वे सुशासन दिवस मनाने के लिए 25 दिसंबर को अपना विद्यालय खोले रखें। उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में सरकार की ओर से आदेश दिये गये हैं।’’

उन्होंने कहा कि इससे पहले महात्मा गांधी के जन्मदिवस के दिन पर स्वच्छता दिवस मनाया गया था।

क्रिसमस पर स्कूल खुला रखने के सरकार के फैसले की माकपा ने निंदा की:

क्रिसमस के अवसर पर नवोदय स्कूलों को खुला रखने के सरकार के कथित फैसले को ‘‘दुखद और अनुचित’’ करार देते हुए माकपा ने आज यह कहकर इसे वापस लेने की मांग की कि यह ईसाइयों के धार्मिक अधिकारों पर ‘‘हमला’’ है।

पार्टी के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ‘‘सीबीएसई और अन्य सरकार संचालित स्कूलों को क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ मनाने के लिए कहकर एक और दुखद एवं अनुचित फैसला किया है। नवोदय स्कूल प्रबंधन पहले ही यह फैसला कर चुका है कि 24 और 25 दिसंबर को स्कूल खुले रहेंगे।’’

इसमें कहा गया, ‘‘यह स्कूलों के कार्यक्रम में असभ्य हस्तक्षेप है जो 24 दिसंबर से क्रिसमस की छुट्टियों पर जाते हैं तथा यह ईसाई समुदाय के धार्मिक अधिकार पर हमला है।’’
माकपा ने ‘‘सांप्रदायिक रूप से प्रेरित इस निर्देश को वापस लेने’’ की मांग की तथा कहा कि यदि सरकार 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ मनाना चाहती है तो उसे यह स्कूलों को शामिल किए बिना करना चाहिए।

सरकार ने अपनी तरफ से स्पष्ट किया है कि इस तरह का कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है तथा ‘सुशासन दिवस’ पर केवल ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।