सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के मामले में सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने इस मामले में तीन मुद्दों पर केंद्र, बिहार सरकार व यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।
अदालत ने कहा कि केंद्र, बिहार सरकार व यूपी सरकार 7 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल कर यह बताएं कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के इलाज, स्वच्छता और पोषण को लेकर विस्तृत विवरण दें। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने रिपोर्ट पढ़ी है जिससें सामने आया कि कई गांवों में बच्चे नहीं बचे।
अदालत ने कहा कि क्या केंद्र सरकार ने इसको लेकर कोई नीति बनाई है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने बिहार सरकार को बिहार सरकार से बीमारी से निपटने के लिए उठाए गए कदम और उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील ने अदालत को सूचित किया कि इसी तरह की मौतें पहले उत्तर प्रदेश में भी हो चुकी हैं। इस बात का संज्ञान लेते हुए अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई को 10 दिन के लिए स्थगित कर दिया।
SC issues notice to Centre, Bihar & Uttar Pradesh govts asking them to file affidavits within 7 days giving details of facilities dealing with public health, nutrition and sanitation, for treatment of children suffering from Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. pic.twitter.com/7eyytB2lQM
— ANI (@ANI) June 24, 2019
दूसरी तरफ चमकी बुखार के मामले में ही बिहार की सीजेएम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ जांच के आदेश दिए। मालूम हो कि बिहार में चमकी बुखार से 170 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से मेडिकल एक्सपर्ट की टीम को बिहार भेजा गया है। टीम वहां के डॉक्टरों के साथ मिलकर बच्चों के इलाज में लगी है।
