पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शुमार शशि थरूर को पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के आरोपों से शशि थरूर को बरी कर दिया है। कोर्ट से राहत मिलने के बाद थरूर ने अदालत का शुक्रिया अदा किया और कहा कि 7.5 साल से इस टॉर्चर और दर्द से गुजर रहा था।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया। थरूर ने न्यायाधीश का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते साढ़े सात साल ‘प्रताड़ना’ में बीते और यह फैसला ‘बड़ी राहत’ लेकर आया है। पुलिस ने अदालत से भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाने) समेत विभन्न इल्ज़ामों में आरोप तय करने का आग्रह किया जबकि थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास पहवा ने अदालत से कहा कि एसआईटी द्वारा की गई जांच राजनीतिक नेता को उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से मुक्त करती है।
अदालत के इस फैसले का स्वागत करते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर लिखा “सत्यमेव जयते! सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दिल्ली कोर्ट ने कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर को बरी कर दिया है।”
बता दें कि इससे पहले बीते 27 जुलाई को भी सुनवाई हुई थी लेकिन शशि थरूर की ओर से एक ताजा आवेदन देते हुए मामले में कुछ और कागजात पेश करने की इजाजत मांगने के चलते फैसले को 18 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया था।
बिजनेस में अलग पहचान बना चुकीं सुनंदा पुष्कर का नाम चर्चा में तब आया जब 2010 में उनकी शादी कांग्रेस नेता शशि थरूर से हुई। शादी के बाद दोनों खुलकर मीडिया के सामने आते थे। पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लग्जरी होटल के एक कमरे में मृत मिली थीं।
दंपति होटल में ठहरे हुए थे क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था। थरूर पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसपर क्रूरता करना) और धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया था, लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तार नहीं की गई थी। उन्हें पांच जुलाई 2018 को जमानत दे दी गई थी।