जम्मू-कश्मीर के बाद गोवा के राज्यपाल बनाए गए सत्यपाल मलिक एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में यह नियम ठीक ढंग से लागू नहीं किया गया था। कुत्तों, घोड़ों और यहां तक कि लाठी के नाम पर भी जमीन का पंजीकरण बिहार में हुआ है।

क्या बोले सत्य पाल मलिक: गोवा के राज्यपाल ने कहा, “उत्तर प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ जमींदारी उन्मूलन किया गया। मैं बिहार का राज्यपाल था। बिहार में जमींदारी के बारे में क्या कहा जाए। बिहार में कुत्तों, घोड़ों और यहां तक कि लाठी के नाम पर जमीन दर्ज की जाती है।” उन्होंने कहा बिहार में 1950 में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम, यूपी की तरह ठीक ढंग से लागू नहीं हो पाया। गौरतलब है कि मलिक 2017-18 के दौरान बिहार के राज्यपाल थे।

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बिहार के राज्यपाल भी थे: सत्यपाल मलिक पूर्व में बिहार के राज्यपाल भी रहा चुके हैं। मंगलवार को संविधान दिवस के दिन वह गोवा विश्वविद्यालय के मैदान में 70 वें संविधान दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में जमींदारी को सबसे अच्छे से लागू किया गया।’ लेकिन बिहार में आज भी कुछ जमींदारों के पास हजारों बीघा जमीन है। वहां राजस्व का रिकॉर्ड सही स्थिति में नहीं है।

लोकतंत्र कर रहा है काम: बिहार, जम्मू-कश्मीर के बाद अब गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं गांव में एक किसान के घर पैदा हुआ था। लेकिन संविधान की ताकत से मैं विधायक और अब राज्यपाल बन सका हूं। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि हमारा लोकतंत्र काम कर रहा है।