Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक शख्स की कड़ी आलोचना की। वह अपनी बेटियों की देखभाल सही से नहीं कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि आपके जैसे क्रूर आदमी को हम अपनी अदालत में कैसे घुसने दे सकते हैं। आप घर पर कभी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और कभी सरस्वती की। लेकिन अपनी बेटियों के साथ इस तरह का बर्ताव करते हैं।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा, ‘आप किस तरह के आदमी हैं, अगर आप अपनी बेटियों की भी परवाह नहीं करते? हम ऐसे क्रूर आदमी को अपनी अदालत में कैसे घुसने दे सकते हैं! सारा दिन घर पर कभी सरस्वती पूजा और कभी लक्ष्मी पूजा और फिर यह सब। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि वह उसके पक्ष में तभी आदेश पारित कर सकता है, जब वह अपनी बेटियों के नाम पर कुछ खेती की जमीन देने के लिए राजी हो जाएं।
विधवाओं के लिए भी करवाचौथ कर दें अनिवार्य
क्या है पूरा मामला
अब पूरे मामले पर गौर किया जाए तो याचिकाकर्ता योगेश्वर साओ को 2015 में दोषी ठहराया गया था और 2009 के एक मामले में ढाई साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत ने उसे 50,000 रुपये के दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने का दोषी पाया था। दंपति ने 2003 में शादी की थी और उनकी दो बेटियां हैं। इतना ही नहीं यह भी आरोप लगाया गया था कि उसने दूसरी महिला से शादी भी कर ली थी।
2016 में झारखंड हाई कोर्ट ने 11 महीने की हिरासत के बाद में सजा को निलंबित कर दिया था। सितंबर 2024 में हाई कोर्ट ने दोषसिद्धि को बरकरार ही रखा। हालांकि, हाई कोर्ट को दोबारा से शादी करने के आरोप के संबंध में कोई भी सबूत नहीं मिला। शख्स को राहत देते हुए कोर्ट ने उसकी सजा को घटाकर डेढ़ साल कर दिया और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके बाद शख्स ने पिछले महीने दिसंबर के महीने में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई रोक पढ़ें पूरी खबर…