संयुक्त किसान मोर्चा अब ‘वार्निंग रैली’ निकालेगा। किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह किसानों के दिल्ली कूच के चार साल पूरे होने पर 26 नवंबर को 500 जिलों में ‘चेतावनी’ रैलियां निकालेगा। संगठन ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर अगले साल बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी।

एसकेएम की आम बैठक के बाद बुधवार को यह घोषणाएं की गईं। एआईकेएस नेता हन्नान मोल्लाह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, “सरकार ने अब तक अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की है, उन्होंने किसानों को धोखा दिया है इसलिए हमने देश भर में रैलियां आयोजित करने का फैसला किया है।”

किसान संघ की चेतावनी- मांगें नहीं पूरी की तो अगले साल बड़ा आंदोलन होगा

क्रांतिकारी किसान संघ के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को स्वीकार करने में देरी करती रही तो अगले साल बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। पाल ने कहा, “अगर सरकार अपनी टालमटोल वाली रणनीति जारी रखेगी तो 2025 में हम बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।”

किसानों के विरोध प्रदर्शन के प्रमुख केंद्रों में से एक हरियाणा में भाजपा की सत्ता में वापसी के बारे में पूछे जाने पर पाल ने कहा, “भले ही भाजपा जीत गई लेकिन लगभग 60 प्रतिशत लोगों ने उनके खिलाफ मतदान किया और किसानों ने भी भारी संख्या में उनके खिलाफ मतदान किया।”

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50 हजार गांवों को कवर करते हुए जन अभियान चलाया जाएगा

किसान समूहों के शीर्ष निकाय ने कहा कि एसकेएम की राज्य समितियों द्वारा व्यापार और कृषि श्रमिक संघों के साथ मिलकर 7 से 25 नवंबर के बीच 50,000 गांवों को कवर करते हुए एक जन अभियान चलाया जाएगा। एसकेएम प्रत्येक जिले में 100 गांवों में वाहन जत्थे और पदयात्रा निकालेगा और अपनी मांगों के साथ घर-घर जाकर प्रचार करेगा।

एसकेएम प्रत्येक जिले के 100 गांवों को कवर करेगा जो गाड़ियों के काफिले और पदयात्रा के जरिए अपनी मांगों का प्रचार करेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार को C2+50 प्रतिशत के फॉर्मूले और किसानों के द्वारा मांगें गए अन्य मांगों को पूरा करने के लिए कहा जाएगा। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने के लिए तीन महीने का अल्टीमेटम दिया जाएगा।

गौरतलब है कि चार साल पहले किसानों ने कई महीनों तक दिल्ली में आंदोलन किया था, जिसके बाद मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। जिसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म किया था।