राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली एक्साइज कस्टडी मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को 5 दिनों के लिए ED रिमांड पर भेज दिया है। अब संजय सिंह 10 अक्टूबर तक ED की कस्टडी में रहेंगे। ED ने कोर्ट से संजय सिंह से पूछताछ के लिए 10 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था। कोर्ट के फैसले पर जब मीडिया ने संजय सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी अडानी के नौकर हैं और हम अडानी के नौकर से डरते नहीं। जितना अत्याचार जुल्म करना है, करें कोई दिक्कत नहीं। सारे आरोप गलत हैं।”

ED ने कोर्ट में क्या दलीलें दी?

ED ने अदालत के सामने दावा किया कि संजय सिंह ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मदद से दिल्ली एक्साइज पॉलिसी ‘घोटाले’ के लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का वादा किया था। ED ने कहा, “जांच से पता चला है कि संजय सिंह ने अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा के कहने पर आईएमएफएल ब्रांड के लिए ब्रांड पंजीकरण मानदंड बढ़ाने के वास्ते 2020-21 की तत्कालीन प्रस्तावित आबकारी नीति में मनीष सिसोदिया के माध्यम से बदलाव कराने का आश्वासन दिया था।”

उसने कहा, “इसके बदले में, संजय सिंह के एक सहयोगी/टीम सदस्य यानी विवेक त्यागी को अमित अरोड़ा यानी अरालियास हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की व्यावसायिक कंपनी में हिस्सेदारी दी गई थी।ठ सिसौदिया के करीबी माने जाने वाले कारोबारी दिनेश अरोड़ा कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी था। बाद में वह सरकारी गवाह बन गया।

संजय सिंह को चुप कराने की कोशिश – AAP

AAP ने गुरुवार को मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि संजय सिंह को गिरफ्तार कर उन्हें चुप कराने की कोशिश की जा रही है। AAP ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर उनके पास संजय सिंह के खिलाफ कोई भी सबूत हो तो उसे पब्लिक करें। संजय सिंह को ED ने 2021-22 की दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार किया था।

‘छापों में नहीं मिला एक भी सूबत’

इस दौरान केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने दावा किया कि ED और CBI के 500 से अधिक अधिकारियों ने पिछले 15 महीनों में आप नेताओं से जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापे मारे, लेकिन उनके खिलाफ ‘एक भी सबूत नहीं मिला”।

आतिशी ने कहा, “उन्होंने मनीष सिसोदिया के आवास, कार्यालयों और कई अन्य स्थानों पर छापे मारे लेकिन उन्हें एक पैसे के भी भ्रष्टाचार का सबूत नहीं मिला और अब संजय सिंह को निशाना बनाया गया है।” उन्होंने कहा, “ED अधिकारियों ने संजय सिंह के आवास के चप्पे-चप्पे पर छापेमारी की लेकिन कुछ नहीं मिला। उन्होंने सिंह को गिरफ्तार कर लिया क्योंकि वह लगातार केंद्र के भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते थे।”