Maharashtra News: साल 2022 में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा भूचाल आया जब शिवसेना के अंदर एकनाथ शिंदे ने बड़ी बगावत कर दी। उन्होंने पार्टी के 40 विधायकों को साथ लिया और भाजपा से मिलकर सरकार बना ली। इस बगावत के बाद उन्होंने यह दावा किया कि वही असली शिवसेना हैं और बाला साहेब ठाकरे की विरासत उन्हीं के साथ है। उस समय और उसके बाद भी ये बातें उठती रहीं कि इस टूट-फूट के लिए संजय राउत कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं।
अब संजय राउत ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि जब पार्टी टूटने की नौबत आई थी, तब एकनाथ शिंदे खुद डर गए थे और मुझसे बोले थे कि “मुझे जेल नहीं जाना, अब तो पोते-पोतियां भी हो गई हैं, मेरे साथ चलो।”
राउत बोले – डर के मारे गए शिंदे, मैंने कहा- ऐसा करना ठाकरे जी से धोखा होगा
एक टीवी शो में बात करते हुए संजय राउत ने कहा, “एकनाथ शिंदे मेरे बहुत करीबी दोस्त हैं। वो बार-बार मुझसे कह रहे थे कि चल मेरे साथ। हम दोनों अयोध्या भी साथ गए थे। तब वो मेरी रूम में आए और कहने लगे कि हम एक साथ चलें। लेकिन मैं बोला कि मत जाओ। क्यों जा रहे हो? उन्होंने मुझसे कहा कि अब मुझे जेल नहीं जाना, पोते-पोतियां हो गई हैं। तब मैंने कहा कि मेरे भी पोते-पोतियां हैं, लेकिन पार्टी ने हमें जो कुछ भी दिया है, उस पर पैर रखकर जाना बाला साहेब ठाकरे के साथ गद्दारी होगी।”
राउत ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिंदे डर गए थे और सत्ता के लालच में चले गए। “डरपोक लोग ही बहादुरों पर शब्दों से हमला करते हैं। अब हालत ये है कि ईडी तक राजनीतिक लोगों को छूने से डरती है। संयम नहीं रहा, लालच में बह गए। इन्हें ये समझ नहीं कि बहुमत कभी स्थायी नहीं होता।”
इस सवाल पर संजय राउत ने कहा, “पार्टी क्या मेरी वजह से टूटी? जो लोग डर गए, वो चले गए। मैं किसी को जाने के लिए नहीं कह रहा था, उल्टा मैं तो समझा रहा था कि रुक जाओ, वक्त बदलता है।”
संजय राउत के आरोपों पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “राउत क्या कह रहे हैं, ये उन्हीं से पूछिए। मैं अपना काम कर चुका हूं। बाला साहेब ठाकरे कभी कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं जाना चाहते थे, लेकिन आप सत्ता और कुर्सी के लिए उन्हीं के साथ चले गए। जिन्होंने बाला साहेब के नाम को कलंकित किया, वही आज झूठ बोल रहे हैं।”
यह पूरी बहस महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर पुराने घावों को कुरेद रही है। संजय राउत का यह दावा निश्चित रूप से हलचल मचाने वाला है, लेकिन शिंदे का पलटवार भी कम तीखा नहीं। अब देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में यह सियासी टकराव क्या मोड़ लेता है।