महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय समाज पक्ष के संस्थापक और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री महादेव जानकार ने फिल्म अभिनेता संजय दत्त के उनकी पार्टी में शामिल होने के दावे को खारिज कर दिया है। द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में महादेव जानकार ने कहा कि नहीं, संजय दत्त हमारी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। उनके हमारी पार्टी में शामिल होने की खबरें सही नहीं हैं।
हालांकि जानकार ने बताया कि संजय दत्त उनके और उनकी पार्टी के अन्य उम्मीदवारों के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में चुनाव प्रचार करेंगे। बता दें कि इससे पहले रविवार को एक कार्यक्रम में महादेव जानकार ने संजय दत्त के उनकी पार्टी राष्ट्रीय समाज पक्ष में शामिल होने का दावा किया था।
महादेव जानकार ने दावा किया था कि, संजय दत्त आगामी 25 सितंबर को औपचारिक रुप से उनकी पार्टी राष्ट्रीय समाज पक्ष में शामिल हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय समाज पक्ष (RSP) मुख्य तौर पर ढांगर (चरवाहा) समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी है। महादेव जानकार का कहना है कि वह अपनी पार्टी को विस्तार देने के लिए फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को ज्यादा से ज्यादा अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिशों में जुटे हैं। पार्टी के इस अभियान के तहत ही संजय दत्त कथित तौर पर राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी में शामिल होने की बात कही गई थी।
पार्टी के एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय समाज पक्ष के मुखिया महादेव जानकार ने एक पहले से रिकॉर्ड की गई वीडियो भी दिखाई, जिसमें संजय दत्त, महादेव जानकार से मिलते दिखाई दे रहे हैं और वह जानकार को अपना भाई कहकर संबोधित कर रहे हैं।
राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी की बात करें तो यह साल 2014 से भाजपा नीत एनडीए का हिस्सा है और साल 2014 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों में RSP ने गठबंधन के तहत राज्य की 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि सिर्फ दोउंद सीट से ही पार्टी को जीत मिली थी। इससे पहले महादेव जानकार साल 2009 के लोकसभा चुनावों में एनसीपी मुखिया शरद पवार के सामने भी चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि संजय दत्त इससे पहले समाजवादी पार्टी में भी शामिल हुए थे। जहां साल 2009 के आम चुनावों में संजय दत्त के सपा के टिकट पर लखनऊ से चुनाव लड़ने की खबरें थीं। हालांकि कोर्ट द्वारा आर्म्स एक्ट में उनका कन्विक्शन खारिज करने से इंकार कर दिया गया था। इसके चलते संजय दत्त वह चुनाव नहीं लड़ सके थे। बाद में सपा ने उन्हें महासचिव बना दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही संजय दत्त ने पार्टी छोड़ दी थी। बीते आम चुनावों में भी संजय दत्त के चुनाव लड़ने की अफवाहें थी, लेकिन संजय दत्त ने ऐसी किसी भी अफवाह को खारिज कर दिया था।