रेतीले तूफान ने चीन को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया है। राजधानी बीजिंग सोमवार को पूरी तरह से धूल के गुबार में खो गई। गोबी के रेगिस्‍तान से उठी इस आंधी ने चीन के ज्‍यादातर हिस्‍सों को धूल से भर दिया। इससे पहले रविवार को चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया में भीषण आंधी आई थी। उसके बाद से यहां तकरीबन 341 लोग लापता बताए गए हैं।

चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी Xinhua के मुताबिक बीजिंग में पिछले कुछ दशकों में पहली बार ऐसा तूफान आया है। इसके चलते बीजिंग में 400 उड़ानों को रद किया गया है। एजेंसी का कहना है कि इनर मंगोलिया की राजधानी Hohhot में कई उड़ानों को रद किया गया है। चीन के मौसम विभाग का कहना है कि साल के इस मौसम में ऐसी धूलभरी आंधी असामान्‍य नहीं है। इसकी आशंका पहले से जताई जा रही थी, लेकिन जो मंजर देखने को फिलहाल मिल रहा है वह बहुत ज्यादा भयावह है।

चीन के मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी करके कहा है कि यह रेतीला तूफान इनर मंगोलिया से लेकर चीन के गांसू, शांक्‍सी और हेबेई तक फैला है। यह इलाके राजधानी बीजिंग के चारों तरफ स्थित हैं। रेतीला तूफान गोबी के रेगिस्‍तान से आया है। गोबी मरुस्‍थल काफी विशाल और बंजर है। यह चीन से लेकर मंगोलिया तक फैला हुआ है। इसकी वजह से बीजिंग की हवा की बेहद खऱाब स्तर में पहुंच गई है। सोमवार सुबह यहां इंडेक्‍स अधिकतम स्‍तर यानि 500 तक पहुंच गया है। PM 10 (उड़ने वाले रेत कण) का स्‍तर कई जिलों में बहुत खतरनाक तरीके से बढ़ गया है। चीन के कई जिलों में इनकी तादाद 8 हजार माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर तक देखी जा रही है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक प्रतिदिन PM 10 का स्‍तर 50 माइक्रोग्राम से ज्‍यादा नहीं होना चाहिए। लेकिन चीन में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले PM 2.5, कणों का स्‍तर भी 300 माइक्रोग्राम के ऊपर पहुंच गया है। चीन में यह मानक 35 माइक्रोग्राम है। जानकारों का कहना है कि उत्तरी चीन में जंगलों को काटने की वजह से भी तूफान इस कदर भयावह हुआ है।

ध्यान रहे कि बीजिंग और इसके आसपास के इलाके खतरनाक प्रदूषण के आगोश में कुछ अर्से से हैं। 5 मार्च को जब संसद का सत्र शुरू हुआ तब सारा शहर स्मॉग से घिरा था। चीन के सबसे बड़े स्टील उत्पादक शहर तेंगशान ने शनिवार को कहा लोकल कंपनियों पर एंटी स्मॉग कदम न उठाने के लिए एक्शन लिया जाएगा। बीजिंग और हेबेई के प्रदूषण की वजह तेंगशान को माना जाता है।

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पीएम 2.5 का स्तर 500% से ज्यादा है। दक्षिण एशिया के सबसे अधिक प्रदूषित देश भारत और पाकिस्तान हैं। दुनिया के 30 टॉप प्रदूषित शहरों में 21 भारत के और 5 पाकिस्तान के हैं। पिछले साल आईक्यू एयर की एक स्टडी में दावा किया गया था कि दुनिया की 90% आबादी प्रदूषित हवा में सांस ले रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ता प्रदूषण ही जलवायु परिवर्तन का कारक है। WHO के मुताबिक बीजिंग की हवा में काफी सुधार हुआ है। फिलहाल वह दुनियाभर के सबसे प्रदूषित 200 शहरों की सूची से बाहर है।