मोबाइल हैंडसेट्स में ‘संचार साथी’ ऐप प्री- इंस्टॉल करने को लेकर दूरसंचार विभाग के आदेश पर कांग्रेस पार्टी की सांसद प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका गांधी ने मंगलवार को संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए ‘संचार साथी’ ऐप को जासूसी ऐप करार दिया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि इस तरह का आदेश नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि “हर व्यक्ति को अपने परिवार तथा दोस्तों को बिना डर के मैसेज भेजने का, बातचीत करने का अधिकार है – सरकार को हर बात देखना नहीं चाहिए।”
प्रियंका गांधी ने कहा, “वो इस देश को हर रूप में तानाशाही में बदलना चाहते हैं। संसद इसलिए काम नहीं कर पा रहा है क्योंकि वो किसी भी बात पर चर्चा नहीं करना चाहते। विपक्ष को दोष देना बहुत आसान है। एक स्वस्थ लोकतंत्र चर्चा की मांग करता है।”
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि फ्रॉड की रिपोर्ट करने और यह देखने के बीच बहुत पतली लाइन है कि भारत का हर नागरिक अपने फaन पर क्या कर रहा है। इस तरह से काम नहीं करना चाहिए। फ्रॉड की रिपोर्ट करने के लिए एक असरदार सिस्टम होना चाहिए। हमने साइबर सिक्योरिटी पर इस पर बहुत डिटेल में बात की है।
संंचार साथी ऐप को लेकर क्या है सरकार का आदेश?
दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों को निर्देश दिया है कि अगले 90 दिनों के भीतर भारत में बनने या आने वाले सभी नए मोबाइल फोन में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल होना चाहिए। यह ऐप धोखाधड़ी वाली कॉल, खोए फोन और आईएमईआई नंबर की जांच करने में मदद करता है। पहले से बिक रहे फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप इंस्टॉल किया जाएगा। कंपनियों को 120 दिन के भीतर बताना होगा कि उन्होंने इस नियम का पालन किया है। नियम तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
