तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातन बयान ने राजनीति गलियारों में सियासी भूचाल लाने का काम किया है। अब इस विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। मंत्रिपरिषद की बैठक में उन्होंने दो टूक कहा है कि उदयनिधि के बयान पर सही तरह से जवाब देना बहुत जरूरी है। इसके अलावा उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इंडिया बनाम भारत की जो डिबेट चल रही है, उस पर खुलकर कुछ भी बोलने से बचना चाहिए। इसी तरह जी20 पर भी सिर्फ वहीं लोग बोलें जिन्हें इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

पीएम मोदी ने मंत्रियों की बैठक क्यों बुलाई?

अब जानकारी के लिए बता दें कि जी20 समिट से पहले पीएम मोदी ने अपने सभी मंत्रियों की अहम बैठक बुलाई थी। उस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होनी थी। कुछ भी आधिकारिक तो नहीं बताया गया लेकिन क्योंकि कुछ दिनों में संसद का विशेष सत्र आने वाला है, इसके अलावा चुनावी मौसम चल रहा है, ऐसे में माना गया कि इन्हीं सब मुद्दों पर गंभीर मंथन किया जा सकता है। यहां ये समझना जरूरी है कि 18 से 22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र होने जा रहा है। उसमें महिला आरक्षण बिल, यूसीसी और एक देश एक चुनाव पर बिल लाया जा सकता है।

इसके अलावा पीएम मोदी ने मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को सलाह दी है कि जी20 का जो डिनर आयोजित किया गया है, उसमें सभी अपनी गाड़ियों से ही आएं।

एक देश एक चुनाव पर क्या चर्चा?

वैसे एक देश एक चुनाव वाले मुद्दे पर तो सरकार काफी आगे बढ़ चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। उस कमेटी में कोविंद के साथ सात और सदस्यों को शामिल किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह को भी इस कमेटी का हिस्सा बनाया गया है। ये अलग बात है कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपना नाम वापस ले लिया, उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया कि ये सब धोखा है, उन्हें इस पर विश्वास नहीं।