Anar Wali Masjid News: संभल में प्रशासन ने मस्जिद के इमाम पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। यह कार्रवाई लाउडस्पीकर के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कोट गर्वी इलाके की अनार वाली मस्जिद के इमाम के खिलाफ की गई है।

बताना होगा कि पिछले काफी दिनों से संभल का माहौल तनावपूर्ण है। कुछ दिन पहले कोर्ट के आदेश पर जब एक टीम मस्जिद का सर्वे करने के लिए वहां पहुंची थी तो इसके विरोध में हिंसा हुई थी और इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों के नाम नईम गाजी, बिलाल अंसारी, अयान अब्बासी और कैफ अल्वी हैं। इसके अलावा कई अन्य लोग घायल हो गए थे। हाल ही में मृतकों के परिवार वालों ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी।

संभल की उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने कहा, “मस्जिद में ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजाया जा रहा था, जिसके कारण इस मामले में कार्रवाई की गई। 23 वर्षीय इमाम तहजीब पर एहतियात के तौर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और उन्हें जमानत दे दी गई है।”

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एसडीएम के आदेश के मुताबिक, इमाम से कहा गया है कि वह अगले छह महीने तक ऐसी गलती फिर से न करें।

पुलिस-प्रशासन ने दी चेतावनी

संभल में पुलिस ने बीते बुधवार को विभिन्न धर्मगुरुओं के साथ कोतवाली परिसर में बैठक की थी। पुलिस ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर नहीं होने चाहिए। पुलिस ने कहा था कि छोटा लाउडस्पीकर लगाया जा सकता है लेकिन उसकी आवाज भी सिर्फ धार्मिक स्थल के परिसर तक ही सीमित रहे और आवाज धर्म स्थल से बाहर नहीं जानी चाहिए। अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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संभल से सपा सांसद जिया उर रहमान भी हिंसा के मामले में आरोपी हैं। पुलिस के अनुसार, संभल हिंसा मामले में अब तक करीब 40 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सांसद जिया उर रहमान के पिता ममलुक उर रहमान ने पुलिस पर आरोप लगाया लगाया है कि वह स्थानीय लोगों पर अत्याचार कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अदालतों को नए मुकदमों पर विचार करने और धार्मिक स्थलों, विशेष रूप से मस्जिदों और दरगाहों के मामले में लंबित मामलों में कोई भी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया है।

अभी भी तैनात है पुलिस

संभल में हालात के मद्देनजर इन दिनों भी पुलिस तैनात है। संभल हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। इस आयोग में रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा के अलावा रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन प्रसाद और पूर्व डीजीपी एके जैन भी शामिल हैं।

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बीजेपी-सपा के बीच हुई थी बयानबाजी

संभल में हिंसा को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच बयानबाजी का दौर भी काफी दिन तक चला। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूछा था कि संभल की शाही जामा मस्जिद में दोबारा सर्वे क्यों कराया गया? अखिलेश यादव ने कहा था कि संभल में पूरा झगड़ा सरकार और प्रशासन ने कराया था और वहां सरकार और प्रशासन ने मिलकर अन्याय किया है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी की सरकार संविधान से नहीं चलना चाहती है और यह अपने मन से चल रही है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में संभल हिंसा के मुद्दे को उठाया था।

संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जानिए याचिका में क्या कहा गया है, पढ़िए खबर में।