उत्तर प्रदेश के संभल में अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान प्राचीन शिव और हनुमान मंदिर के मिलने के बाद पूजा अर्चना शुरू हो चुकी है। डीएम राजेंद्र पेंसिया ने अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि यह कार्तिक महादेव का मंदिर है और यहां एक कुआं भी मिला है, जो अमृत कूप है। यहां सुरक्षा के मद्देनजर CCTV कैमरे और कंट्रोल रूम की तैयारी भी की गई है। मंदिर में पूजा-पाठ के बाद कुछ अतिक्रमण भी हटाया गया। खग्गू दीपा सराय में स्थित 46 साल से बंद पड़े इस मंदिर में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसके साथ ही मंदिर में आरती हुई और और मंत्रों का उच्चारण की गूंज उठा।

कंट्रोल रूम बनाकर की जा रही मंदिर की निगरानी

इस मंदिर से आसपास सीसीटीवी लगाए गए हैं। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि मंदिर की सुरक्षा के लिए पूरे इलाके को सीसीटीवी से कवर किया गया है और यहीं पर कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है, जिससे यहां 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे और कोई अराजक तत्व यहां ना आ सके। बता दें कि शनिवार को संभल में बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान यह मंदिर मिला था। यह मंदिर सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क के आवास से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है। पुलिस प्रशासन ने मंदिर का ताला खुलवाया और साफ सफाई की गई। बताया जा रहा है कि यह मंदिर 1978 में हुए दंगे के बाद से बंद था। 46 सालों से बंद पड़ा यह मंदिर उस समय बंद कर दिया गया जब दंगों के बाद हिंदू परिवार यहां से पलायन कर गए और खुद ही ताला डालकर चले गए।

जामा मस्जिद से 1 KM है दूरी

मंदिर के पुजारी महंत आचार्य विनोद शुक्ला ने बताया कि श्रद्धालुओं ने मंदिर में आना और पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के बारे में पहले सुना था। 46 साल पहले तक यहां लगातार पूजा होती थी। यह मंदिर जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है। जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में ही 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद हिंसा हुई थी।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने कहा कि मंदिर की मूल संरचना को नियमानुसार बहाल किया जाएगा। लोगों ने बताया कि यह मंदिर खग्गू सराय इलाके में स्थित है। साल 1978 के बाद हमने अपना घर बेच दिया और इलाका खाली कर दिया। इसके बाद कोई पुजारी यहां रहने को तैयार नहीं हुआ। 15-20 परिवार वहां से चले गए और मंदिर बंद हो गया। अब इसे फिर से खोला गया है। प्रशासन का कहना था कि मंदिर संबंधित समुदाय को सौंप दिया जाएगा।

सीएम योगी ने भी उठा सवाल

संभल में मंदिर को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ में कहा कि कल संसद में संविधान पर चर्चा चल रही थी, लेकिन मुद्दा संभल का उठ रहा था। इन्हीं (विपक्ष) के समय में 46 साल पहले जो मंदिर बंद कर दिया गया था, वो सामने आ गया। इनकी वास्तविकता को सबके सामने ला दिया। सीएम ने सवाल किया कि संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई? क्या वहां शिवलिंग निकला है? क्या ये आस्था नहीं थी? योगी ने कहा कि उन दरिंदों को आज तक सजा क्यों नहीं मिली, जिन्होंने 46 साल पहले संभल में नरसंहार किया था? आगे पढ़ें संभल मामले से जुड़ी हर अपडेट