Sambhal Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर) की सुबह पथराव और वाहनों में आगजनी हुई। सब तब हुआ जब दूसरी मर्तबा शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए कोर्ट के आदेश के बाद एक सर्वे टीम चंदौसी पहुंची थी। मंगलवार (19 नवंबर) को एक स्थानीय अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था। यह आदेश उस याचिका को सुनने के बाद दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि 1526 में मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था।
अब शाही जामा मस्जिद के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। हिंसा की घटना में चार लोगों की मौत हुई। मृतकों के परिजनों का दावा है कि मौत पुलिस फ़ायरिंग से हुई है। जबकि मुरादाबाद रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) का दावा है कि पुलिस ने फायरिंग नहीं की है। इस पूरे मामले से जुड़े दिनभर के बड़े अपडेट्स आप यहां पढ़ सकते हैं:
- समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल कल संभल जाएगा। यह प्रतिनिधिमंडल इलाके का दौरा कर एक रिपोर्ट बनाएगा और रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेगा। समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी के निर्देशानुसार समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल संभल जाकर वहां हुई हिंसा की जानकारी लेगा एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को रिपोर्ट सौंपेगा।
- समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में माता प्रसाद पांडे जी, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा, लाल बिहारी यादव, नेता प्रतिपक्ष, विधान परिषद जावेद अली, राज्यसभा सांसद, हरिंदर मलिक, लोकसभा सांसद, रुचि वीरा जी, लोकसभा सांसद, जिया उर रहमान बर्क, लोकसभा सांसद, नीरज मौर्य, लोकसभा सांसद,नवाब इक़बाल, विधायक, पिंकी यादव, विधायक, कमाल अख़्तर, विधायकजयवीर यादव, जिलाध्यक्ष मुरादाबाद,शिवचरण कश्यप, जिलाध्यक्ष बरेली शामिल रहेंगे।
- मस्जिद सदर और शाही मस्जिद कमेटी के प्रमुख जफर अली ने दिन में एक प्रेस कांफ्रेस कर कहा,”यह सब पानी छोड़े जाने की वजह से हुआ। पानी छोड़े जाने की वजह से लोगों को भ्रम हो गया कि बिना किसी पूर्व सूचना के मस्जिद में खुदाई हो रही है। एसडीएम संभल ने जोर देकर कहा कि पानी खाली किया जाए। एसपी और डीएम ने कहा कि डंडे से पैमाइश की जाए। पानी छोड़ते ही सभी लोगों ने मान लिया कि मस्जिद में खुदाई शुरू हो गई है। जब लोगों ने सीओ से पूछा कि क्या हो रहा है तो उन्होंने गाली-गलौज की और लाठीचार्ज का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी सवाल पूछेगा उसे गोली मार दी जाएगी। एसडीएम और सीओ संभल ने दहशत फैलाई है। भीड़ बेकाबू हो गई क्योंकि उन्हें लगा कि खुदाई हो रही है। कोई भी बात को क्लियर करने वाला नहीं था।”
- जफर अली ने आगे कहा, “मैंने शांति बनाए रखने और अपने घर वापस जाने की अपील की। डीएम और एसपी ने मुझे जाकर भीड़ को नियंत्रित करने को कहा। डीआईजी, एसपी और डीएम चर्चा कर रहे थे कि तुरंत गोली चलाने का आदेश दिया जाना चाहिए, और मैं वहां मौजूद था। मैंने लोगों से घर जाने की अपील की। 75 फीसदी भीड़ वापस लौट गई। मैंने घोषणा की कि पुलिस को गोली चलाने के आदेश हैं और सभी को अपने घर चले जाना चाहिए। पुलिस का यह कहना गलत है कि लोगों ने गोली चलाई। मैंने देखा कि पुलिस गोलियां चला रही थी। यह मेरे सामने हुआ। मैंने लोगों की तरफ से कोई गोली नहीं चलाई। मैं पीएम मोदी और सीएम से अनुरोध करता हूं कि जिन लोगों की जान गई है उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। अपराध किसने किया इसका कोई सबूत नहीं है। कोई विधायक या सांसद हमारी बात नहीं सुन रहा।” प्रेस कांफ्रेस के बाद पुलिस ने जफर अली से पूछताछ भी की है। इस पूछताछ के बाद जफर अली ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
- मस्जिद सदर द्वारा दिए गए बयानों पर मुरादाबाद के कमिश्नर अंजनेय कुमार सिंह ने कहा, “संभल में स्थिति शांतिपूर्ण है और सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रही है। अब तक 15 पहचाने गए लोगों और लगभग 1000 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं। जफर अली को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जफर अली ने ऐसे बयान दिए जो तथ्यों से अलग थे। माहौल अब शांतिपूर्ण है, लेकिन उन्होंने भड़काऊ बयान दिए। उनके पास अपने बयानों को साबित करने के लिए सबूत होने चाहिए।” मुरादाबाद के कमिश्नर अंजनेय कुमार सिंह ने आगे कहा, “टीमें आदेशों का पालन करते हुए वहां गई थीं। हर चीज की वीडियोग्राफी की जा रही थी। ढांचे (मस्जिद) को नुकसान नहीं पहुंचाया जा रहा था। वह वहीं आपत्ति कर सकते थे या सबूत के तौर पर वीडियो बना सकते थे। उनके पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है।”
- संभल की घटना पर समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि सब कह रहे हैं कि यह एक सुनियोजित घटना थी और इसके लिए पहले से रणनीति बनाई गई थी। प्रशासन को इस मुद्दे से निपटना चाहिए क्योंकि हम एक ही देश के हैं। हम एक ही संविधान का पालन करते हैं और हमारे पूर्वज भी एक ही हैं।
- संभल में अब तक 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह जानकारी संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में दी है। सांसद जियारुरहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है। संभल हिंसा मजिस्ट्रियल जांच होगी। स मामले में 7 एफआईआर दर्ज की गई है। 5 संभल कोतवाली में और दो FIR नखासा थाने में दर्ज की गई है। संभल हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने पूरे इलाके में इंटरनेट को मंगलवार तक के लिए बंद कर दिया है। इसके अलावा स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।