समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को तेलंगाना पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया वोट जोड़ने के लिए की जानी चाहिए ना कि वोट काटने के लिए।

अखिलेश ने कहा कि जब बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हुई तो सभी राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

पिछले कुछ महीनों में एसआईआर को लेकर देश भर में अच्छा-खासा राजनीतिक हंगामा हो चुका है। कांग्रेस, सपा समेत तमाम विपक्षी दल एसआईआर को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि एसआईआर के जरिए मतदाताओं के वोट काटने की साजिश रची जा रही है।

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अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘बिहार में बड़े पैमाने पर वोट काटे गए, हमारे पास डाटा है, भाजपा जहां-जहां हार जाती है, वहां-वहां वोट कटवा देती है।’

चुनाव कैसे होगा?

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने बहुत बड़ा दावा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 3 करोड़ वोट कटने जा रहे हैं और जहां से वह चुनकर आते हैं वहां पर 2 लाख से ज्यादा वोट काटे जा रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि फर्रुखाबाद संसदीय क्षेत्र में भी दो से ढाई लाख वोट कट रहे हैं। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि जब इतनी बड़ी संख्या में वोट कटेंगे तो चुनाव कैसे होगा?

अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव तभी अच्छा हो सकता है जब वोट ज्यादा होंगे और सभी को वोट डालने का मौका मिलेगा। सपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि सभी का वोट बनना चाहिए लेकिन एसआईआर के जरिए वोट काटने की साजिश हो रही है।

उन्होंने कहा कि जो लोग एनआरसी नहीं कर पाए, वे सीधे-सीधे एसआईआर के माध्यम से एनआरसी करवा रहे हैं। यादव ने कहा कि बीजेपी एक तरफ तो यह कहती है कि हम वोटर लिस्ट को ठीक कर रहे हैं लेकिन डिटेंशन सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट से क्यों नहीं जोड़ा जा रहा है?

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