इलाहाबाद हाई कोर्ट से अफजाल अंसारी को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली सजा को रद्द कर दिया है। अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कृष्णानंद हत्याकांड के बाद गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी ने की थी अपील
इसी सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी अर्जी दाखिल की थी और उसे रद्द करने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने पहले खारिज कर दिया था और उसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा को निलंबित करते हुए मामले की फिर से सुनवाई के लिए इसे हाई कोर्ट वापस भेज दिया। इसके बाद हाई कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई और 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया। आज 29 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
4 साल की हुई थी सजा
जब अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई थी, तब उन्हें जेल भी जाना पड़ा था और उनकी संसद सदस्यता भी चली गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी, जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई थी।
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अफजाल अंसारी की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, दयाशंकर मिश्र और उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की। उन्होंने तर्क दिया कि हत्याकांड के कारण शुरू हुई गैंगस्टर की कार्यवाही असंवैधानिक है, क्योंकि अफजाल हत्याकांड से बरी हो चुके हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी ने गाजीपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अफजाल अंसारी पहली बार 2004 में लोकसभा चुनाव लड़े थे और समाजवादी पार्टी के ओर से सांसद बने थे। 2009 का लोकसभा चुनाव अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर लड़ा और हार गए। इसके बाद 2014 में अफजाल अंसारी ने कौमी एकता दल के टिकट पर बलिया सीट से चुनाव लड़ा और हार गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जबकि 2024 में उन्होंने सपा के टिकट पर जीत हासिल की।