आज शारदीय नवरात्रि 2021 की नवमी तिथि पर शुभकामना संदेश देते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में कुछ ऐसा लिख दिया कि लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। दरअसल सपा प्रमुख ने लोगों को शुभकामना देते हुए महानवमी को रामनवमी लिख दिया। इसको लेकर लोग उनके ट्वीट में उनकी गलती बताने लगे। हालांकि गलती का एहसास होते ही अखिलेश यादव ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया।

अखिलेश यादव ने महानवमी की मंगलकामना देने को लेकर दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, “आपको और आपके परिवार को रामनवमी की अनंत मंगलकामनाएं।” इसपर जब लोगों ने उन्हें ट्रोल किया तो उन्होंने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया।

वहीं दूसरा ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा- आपको और आपके परिवार को महानवमी की अनंत मंगलकामनाएं!

गौरतलब है कि अखिलेश यादव के दूसरे ट्वीट पर भी लोग रामनवमी वाले ट्वीट के लिए ट्रोल कर रहे हैं। पूनम ठाकुर(@RajputKanyaUP) नाम की एक यूजर ने लिखा कि, “वोट बैंक के खातिर मंदिरों के चक्कर लगाने की जगह हिंदू धर्म और रीति रिवाजों के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल की होती तो शायद ऐसी गलती न करते अखिलेश यादव जी।”

अजय दीक्षित(@DixitJustice) ने लिखा- “हद है अब इनको ये भी बताना पड़ेगा कि रामनवमी चैत्र नवरात्र में होती है यह शारदीय नवरात्र है।” वैसे अखिलेश यादव के अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा ने भी महानवमी को रामनवमी लिखकर ट्वीट किया।

शलभमणि त्रिपाठी ने दिया जवाब: इसपर योगी सरकार के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने लिखा कि, “प्रभुराम,राजा दशरथ के पुत्र हैं,लक्ष्मण उनके भाई हैं,वे अयोध्या के राजा थे,उन्होंने रावण का वध किया,रावणराज लंका में था ये जानकारी आप व उन सभी ‘नए नवेले’ हिंदुओं के लिए जो हिंदुओं से प्रचंड नफ़रत करते हैं, परंतु चुनावी मौसम में हिंदू बने घूम रहे..और हाँ आज रामनवमी नहीं महानवमी है।”

वहीं अखिलेश यादव को ट्रोल किए जाने पर रिटायर्ड IAS सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा कि, “वध से डर कर अंध भक्त याद दिला रहे हैं कि आज रामनवमी नहीं, महानवमी है। अनपढ़, गोबर भक्त इसी में फंसे रहते हैं। कुछ भी हो, अराजकता का वध हो जायेगा, इस बार।”

महानवमी की मान्यता: बता दें कि हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें रूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन की पूजा से भक्त को सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।