उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर गठबंधन कंप्लीट न होने के चलते लंबे वक्त तक कांग्रेस को टेंशन देने वाले सवालों का सामना करना पड़ा लेकिन जब समाजवादी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग और गठबंधन की सारी बात फाइनल हो गई तो अब उसे अपने ही वफादार नेता झटका देने लगे हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की सीट सपा के कोटे में जाने पर वे काफी खफा हैं और उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि वे इस सीट पर निर्दलीय के तौर पर भी चुनाव लड़ सकते हैं।
दरअसल, सपा-कांग्रेस के गठबंधन और सीट शेयरिंग का ऐलान होने के बाद कांग्रेस में भीतरी बगावत शुरू हो गई है। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। खुर्शीद ने लिखा, “‘फर्रुखाबाद से मेरे रिश्तों को कितने इम्तिहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं पर हमारे सब के मुस्तकाबिल का है, आने वाली नस्लों का है। किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं। टूट सकता हूं, झुकूंगा नहीं। तुम साथ देने का वादा करो मैं नगमे सुनाता रहूं।”
सलमान खुर्शीद की इस नाराजगी की बात करें तो यह सपा-कांग्रेस गठबंधन के चलते सामने आई है। कांग्रेस सपा के बीच हुए इस गठबंधन में कांग्रेस 17, सपा 62 और एक सीट भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद को दी गई है। अब इसमें खास बात यह है कि सलमान खुर्शीद की सीट भी सपा के पास चली गई है जो कि फर्रुखाबाद है। सलमान खुर्शीद लंबे वक्त तक इस सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं और इस बार भी ताल ठोकने की तैयारी में थे लेकिन उन्हें सपा कांग्रेस गठबंधन के चलते धक्का लगा।
सपा के कोटे में चली गई सीट
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने अपने कोटे की 62 में से अब तक कई सीटों पर नाम का ऐलान भी किया है जिसमें फर्रुखाबाद सीट भी शामिल है। सपा ने इस सीट से डॉक्टर नवल किशोर शाक्य को प्रत्याशी बनाया है, जिसके चलते सलमान खुर्शीद ज्यादा नाराज हो गए हैं। सलमान खुर्शीद इतने नाराज हैं कि एक्स पर उनके पोस्ट से साफ समझ आ गया कि वे पार्टी के हाई कमान से भी कोई खासा खुश नहीं हैं।
किन सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस
कांग्रेस के कोटे में आई लोकसभा सीटों की बात करें तो इसमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया शामिल हैं लेकिन इसमें फर्रुखाबाद सीट नहीं है और सलमान खुर्शीद इसीलिए अपनी ही पार्टी के लोगों से नाराज हैं क्योंकि वे सपा को इस सीट पर सहमत क्यों नहीं कर पाए।
बता दें कि सलमान खुर्शीद गांधी परिवार के करीबी नेता है और यूपीए सरकार के दौरान वे देश के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसे में उनकी नाराजगी कांग्रेस पर भारी भी पड़ सकता है क्योंकि वे यूपी में पार्टी का एक अहम अल्पसंख्यक चेहरा भी हैं।