Sajjan Kumar Sentence Hearing: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में शुक्रवार को पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार की सजा पर बहस हुई। यह मामला दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिखों की हत्या से जुड़ा है। दंगों के दौरान सज्जन कुमार बाहरी दिल्ली से सांसद थे। कोर्ट ने 12 फरवरी, 2025 को सज्जन कुमार को दोषी ठहराया था। कोर्ट में 1984 दंगा पीड़ितों के वरिष्ठ वकील ने अपनी लिखित दलीलें पेश कीं और सज्जन कुमार के लिए मृत्युदंड की मांग की। अदालत ने बचाव पक्ष के वकील से दो दिनों के भीतर अपनी लिखित दलीलें पेश करने को कहा। अदालत ने सजा पर आदेश के लिए मामले को 25 फरवरी को दोपहर 2 बजे सूचीबद्ध किया है।
सरकारी वकील ने 18 फरवरी को कोर्ट में लिखित दलील पेश करते हुए सज्जन कुमार के लिए फांसी की मांग की थी। वहीं, सज्जन के वकील ने अपनी दलीलें पेश करने के लिए समय मांगा था, जिसके कारण सुनवाई 21 फरवरी तक टाल दी गई थी। इस केस में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह को दंगाइयों ने लोहे की सरियों और लाठियों से पीटने के बाद जिंदा जला दिया था।
किस मामले में बरी हुए सज्जन कुमार?
सितंबर 2023 में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिख विरोधी दंगों के एक और मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। यह मामला दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में तीन सिखों की हत्या से जुड़ा था। इस केस में CBI की एक अहम गवाह चाम कौर ने आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को भड़काया था, लेकिन अदालत ने सबूतों की कमी के कारण उन्हें बरी कर दिया।
1984 Sikh Riots: सिख दंगा मामले में सज्जन कुमार दोषी करार, राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाया फैसला
हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर, 2018 को दिल्ली कैंट के पालम कॉलोनी इलाके में पांच सिखों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस समय दंगाइयों ने गुरुद्वारे को भी जला दिया था।
दिल्ली सरकार की अपील
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह सिख दंगों से जुड़े छह मामलों में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ याचिका दायर करेगी। नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सिख दंगों के 587 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें 2733 लोग मारे गए थे। इनमें से करीब 240 मामले बंद कर दिए गए थे, जबकि 250 मामलों में आरोपी बरी हो गए थे।
1984 सिख दंगा: घटनाक्रम
31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के अगले दिन 1 नवंबर से दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में ही करीब 2700 सिख मारे गए थे, जबकि पूरे देश में मरने वालों की संख्या 3500 के करीब थी।
मई 2000 में इन दंगों की जांच के लिए जीटी नानावटी कमीशन का गठन हुआ। इस कमीशन की सिफारिश पर 24 अक्टूबर, 2005 को CBI ने केस दर्ज किया। ट्रायल कोर्ट ने 30 अप्रैल, 2013 को सज्जन कुमार को एक मामले में बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ CBI ने हाईकोर्ट में अपील की थी। 17 दिसंबर, 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। दंगों के 21 साल बाद, 2005 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में माफी मांगी थी और कहा था कि जो कुछ हुआ, उससे उनका सिर शर्म से झुक गया।
