विश्व हिंदू परिषद की तेजतर्रार नेता साध्वी प्राची को आज दादरी के बिसहड़ा गांव में प्रशासन ने निषेधाज्ञा के चलते प्रवेश नहीं करने दिया। गांव में गौमांस का सेवन करने की अफवाह फैलने के बाद एक व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या करने से उपजे हालात के चलते यहां निषेधाज्ञा लागू है।
प्राची ने प्रशासन के इस कदम के पीछे ‘‘साजिश’’ का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को इसी तरह से क्यों नहीं रोका गया था।
प्राची ने कहा, ‘‘मैं जय प्रकाश और राहुल यादव के परिवारों से मिलना चाहती थी, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया गया। मैंने इस बारे में एसडीएम से भी अनुरोध किया। ओवैसी जो हैदराबाद से आते हैं, मिल सकते हैं, तो मुझे जाने की इजाजत क्यों नहीं दी गई। यह साजिश है।’’
बिसहड़ा का रहने वाला जय प्रकाश कल रहस्यपूर्ण परिस्थितियों में मृत पाया गया जबकि यादव को इखलाक की हत्या के बाद प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गोली लग गई थी।
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए प्राची ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान को भी निशाना बनाया, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर भारत में अल्पसंख्यकों की ‘‘दुर्दशा’’ पर उसके हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
प्राची ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र में उनके पत्र से भारत की छवि धूमिल हुई है।’’
प्राची ने यादव और जय प्रकाश के परिवारों के लिए भी 20..20 लाख रूपए के मुआवजे की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रकाश को इस हद तक प्रताड़ित किया गया कि उसने आत्महत्या कर ली।’’
आजम खान को ‘‘गद्दार’’ की संज्ञा देते हुए उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की और आरोप लगाया कि पुलिस ने खान के कहने पर उन्हें गांव में प्रवेश से रोका।
प्राची ने कहा कि वह एक बार फिर जय प्रकाश और यादव के परिवारों से मिलने का प्रयास करेंगी।
इससे पूर्व पुलिस ने हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया। यह भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित युवा समूह है।

