रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर महीने में भारत आ सकते हैं। इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात होगी। सूत्रों के अनुसार पुतिन दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत आ सकते हैं। अमेरिका द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ लगाए जाने के बाद रूस-भारत के बीच संबंध और मजबूत हो रहे हैं। पुतिन की भारत यात्रा की घोषणा सबसे पहले अगस्त में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की मास्को यात्रा के दौरान की गई थी, लेकिन उस समय तारीखें तय नहीं हुई थीं।
SCO के दौरान हुई थी पुतिन-मोदी की मुलाकात
इसके बाद रूसी राष्ट्रपति ने चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने पुतिन की लिमोजिन में एक घंटे तक बातचीत की। इस दौरे की घोषणा रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद की सजा के तौर पर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। अमेरिका ने दावा किया है कि यह उपाय मास्को पर यूक्रेन में अपने आक्रमण को समाप्त करने के लिए दबाव बनाने के अभियान का हिस्सा है।
इस बीच भारत का तर्क है कि उसने रूस से तेल इसलिए आयात किया क्योंकि संघर्ष छिड़ने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थ। ऊर्जा आय मास्को के सरकारी बजट के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। फरवरी 2022 में मास्को द्वारा सैन्य आक्रमण शुरू करने के बाद से, यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगी रूस की निर्यात आय में कटौती करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन रूस ऊर्जा बिक्री को यूरोप से हटाकर भारत और चीन सहित अन्य देशों की ओर मोड़ने में सफल रहा है, जिससे अरबों डॉलर का कैश फ्लो जारी रहा है।
भारत-रूस संबंध महत्वपूर्ण
भारत और रूस के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं और द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध सोवियत काल से ही चले आ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों ने अपने आर्थिक सहयोग को मज़बूत किया है और द्विपक्षीय व्यापार अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। रूस-भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। लगभग चार साल पहले युद्ध शुरू होने के बाद से भारत रूसी तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक बन गया है।
राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा भारत की भू-राजनीतिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। या ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने के समय से मेल खाता है और भारत-रूस संबंधों की मजबूती को और मज़बूत कर सकता है। पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के बीच अपनी विदेश यात्राओं में काफी कटौती की है, जिसके लिए उन पर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) का गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। भारत ICC का सदस्य नहीं है।