भारतीय सेना में साउदर्न कमांड को सबसे ज्यादा बड़ा और पुराना माना जाता है। इसकी सेना में एक अलग ही अहमियत है। लेफ्टिनेंट जनरन अजय कुमार सिंह फिलहाल इस कमांड को हेड करते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज में उनसे तमाम सवाल जवाब किए गए तो उन्होंने तफ्सील से जवाब दिया। उन्होंने बताया कि रूस-यूक्रेन वॉर से क्या सबक मिले और इन सबकी भारत के लिए क्या अहमियत है।

लेफ्टिनेंट जनरन अजय कुमार सिंह का कहना है कि रूस यूक्रेन वॉर ने दिखाया कि पारंपरिक युद्ध गुजरे जमाने की बात नहीं हैं। यूक्रेन ने रूस को करारा जवाब देने के लिए जिस तरह से रणनीति बनाई वो अहम है। सेना के साथ में देश के आम नागरिक भी आगे बढ़कर रूसी सेना को करारा जवाब दे रहे हैं। अभी तक माना जाता था कि पारंपरिक लड़ाई का दौर बीत चुका है। अब भौचक करने वाली लड़ाई ही कारगर रहने वाली है। लेकिन फिलहाल जिस तरह से यूक्रेन में लड़ाई लंबी खिंच रही है उससे और भी ज्यादा अहम सबक भारतीय सेना को मिले हैं।

यूक्रेन की लड़ाई से दिखा कि हमें आत्मनिर्भर होने की तरफ तेजी से बढ़ना होगा

अजय कुमार सिंह का कहना है कि यूक्रेन की लड़ाई से दिखा है कि हमें आत्मनिर्भर होने की तरफ तेजी से बढ़ना होगा। लड़ाई के लंबा खिंचने से साफ है कि अगर हमारे पास संसाधन प्रचुर मात्रा में नहीं होंगे तो हम लड़ाई के बीच में कमजोर पड़ जाएंगे। लिहाजा हमें हर तरह से खुद को तैयार रखना होगा। हमारे पास हथियार ज्यादातर रूस के हैं। इनके मेंटीनेंस के लिए भी हम रूस पर ही निर्भर रहते हैं। लेकिन अब हम तेजी से खुद इनके रखरखाव का तरीका विकसित कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत दो सीमाओं पर जूझ रहा है। एक तरफ चीन है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान। हमें खुद को हमेशा तैयार रखना होगा। तभी हम दोनों सीमाओं पर कोई हलचल होने की स्थिति में करारा जवाब देने में सक्षम होंगे।

अग्निपथ स्कीम को लेकर चल रहे विरोधाभाषों पर उनका कहना है कि लॉन्चिंग के समय कई सवाल जरूर उठे थे। लेकिन उनको लगता है कि ये स्कीम सेना के लिए बेहतरीन है। युवा सेना को जॉइन कर रहे हैं और ट्रेनिंग ले रहे हैं। चार साल बाद अगर वो सेना से रिटायर होते हैं तो उनको दूसरी फोर्सेज में नौकरी के अवसर सरकार देने जा रही है। उद्योगों में उनको नौकरी मिल सके इसके लिए भी लगातार कोशिशें की जा रही हैं।

सैनिक का आध्यात्मिक होना बेहद जरूरी- बोले ले. जनरल

एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि एक सैनिक को आध्यात्मिक होना चाहिए। आध्यात्म का मतलब धार्मिक होने से नहीं है बल्कि इसका सीधा मतलब ये है कि सैनिक पहले खुद को तो जाने। तभी वो अच्छे से काम कर सकेगा। आध्यात्म हमें खुद को समझने में खासी मदद देता है।