केंद्र सरकार का पूरा जोर इन दिनों महिला नीत अर्थव्यवस्था तैयार करने पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बात की वकालत करते हैं और उन्होंने कई योजनाएं महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने में इन महिलाओं की अहम भूमिका रहेगी।

मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने देश भर के 742 जिलों के 7,116 खंडों तक अपनी पहुंच बनाई है। यह मिशन 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों के लक्ष्य तक पहुंच गया है जिनको 90.50 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएसजी) में संगठित किया गया है। यह भारत में संवर्धित दुनिया का सबसे बड़ा महिला नेटवर्क है।

एनआरएलएम की सफलता की आधारशिला महिला सशक्तिकरण के केंद्र में निहित है। निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देकर उन्हें वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देकर, एनआरएलएम ने महिला-पुरुष के भेद को कम करने और ग्रामीण समुदायों में समावेशी विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है।

एनआरएलएम ग्रामीण भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाता रहा है, उन्हें गरीबी से मुक्त करने में सहायता करता रहा है। लखपती दीदी इस सशक्तिकरण का प्रतिनिधित्व करती हैं। प्रधानमंत्री ने देश में तीन करोड़ लखपती दीदी को विकसित करने का लक्ष्य दिया है।

सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने में पिछली सरकार के मुकाबले एनडीए की इस सरकार में बहुत काम हुए हैं। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों के तहत एकजुट की गई महिलाओं की संख्या दस सालों में 7.64 करोड़ तक पहुंच गई है जबकि 2014 में यह 2.37 करोड़ थी।

उन्होंने बताया कि इन महिलाओं को वित्तीय वर्ष 2013-14 तक करीब 23 हजार करोड़ रुपए कर्ज के रूप में दिए गए। वहीं, एनडीए के दस सालों में 8.07 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया। उन्होंने बताया कि यूपीए सरकार के दौरान इस कर्ज का अलाभकारी परिसंपत्तियां (एनपीए) 9.58 फीसद था जो एनडीए की सरकार में केवल 1.65 फीसद रह गया है। सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 2.75 करोड़ महिलाओं को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण दिया गया।

इसकी बदौलत एसएचजी से जुड़ी महिलाओं ने 25 करोड़ बार डिजिटल लेन-देन किया जिसकी कुल राशि 93,867 करोड़ रुपए से अधिक थी। सूत्रों ने बताया कि देश की 5.63 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को जीवन बीमा, 7.04 करोड़ को दुर्घटना बीमा और एक करोड़ को आयुष्मान कार्ड दिए जा चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि इस साल स्वयं सहायता समूह दीदी को 500 ड्रोन उपलब्ध कराए गए हैं। दो सालों में 14,500 ड्रोन उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है।