RSS को अगले साल विजयदशमी के मौके पर सौ साल पूरे हो जाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। अब मिली जानकारी के अनुसार, RSS अपना दशकों पुराना ट्रेनिंग सिस्टम- OTC (ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैंप) या संघ शिक्षा वर्ग में बदलाव करने जा रहा है।
चर्चाएं तो यहां तक है कि RSS ‘दंड’ (बांस की छड़ी) की लंबाई को कम करने पर भी विचार कर रहा है। हालांकि दंड RSS की यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है लेकिन अब यह छड़ी भी एक तरह से संघ की पहचान बन गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में 13 से 15 जुलाई के बीच ऊटी में हुई मीटिंग में विस्तार से चर्चा हुई है और सुझावों के आधार पर इस साल होने वाली केंद्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक में फैसला लिया जाएगा।
कितने दिन के होते हैं RSS कैंप?
वर्तमान में RSS में पहले साल और दूसरे साल का कैंप 20-20 दिन का होता है। इसके बाद तीसरे साल (तृतीय वर्ष) की ट्रेनिंग नागपुर में होती है जो हर साल 25 दिनों के लिए चलती है। सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि संघ की बैठक में ज्यादातर ने प्रथम वर्ष के कैंप की अवधि घटाकर 15 दिन और द्वितीय और तृतीय वर्ष के कैंप की अवधि 20 दिन करने का सुझाव दिया है।
प्रथम वर्ष के कैंप को अब संघ शिक्षा वर्ग (Sangh Shiksha Varg) कहा जाएगा, और अन्य वर्षों के शिविर को कार्यकर्ता विकास शिविर (Karyakarta Vikas Shivir) कहा जाएगा। एक सूत्र ने यह भी बताया कि कैंप में ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दंड के उपयोग को लेकर भी चर्चा हुई है।
RSS ने पहले ही प्रयोग के तौर पर दंड का एक छोटा वर्जन पेश किया है – जिसे यष्टि (एक संस्कृत शब्द) कहा जाता है। यह लगभग 3 फीट लंबा है जबकि पारंपरिक दंड 5.3 फीट का होता है। सूत्रों ने यह भी बताया कि क्योंकि दंड यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है इसलिए जब RSS जब भी स्वयंसेवकों को दंड के साथ बुलाता है तो यह विशेष तौर पर मेंशन किया जाता है कि उन्हें “दंड के साथ वर्दी में” आना है। हालांकि अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
कब होते हैं RSS के कैंप?
RSS के ज्यादातर कैंप हर साल अप्रैल से जून के बीच में होते हैं। कुछ कैंप सर्दियों के मौसम में भी आयोजित किए जाते हैं। इस साल कैंप सौ से ज्यादा स्थानों पर आयोजित किए गए, जिनमें 20,000 से अधिक ट्रेनी शामिल हुए। इंडियन एक्सप्रेस ने ऊटी में प्रचारकों की बैठक से लौटे कई प्रतिनिधियों से बात की है।
इनमें से एक ने बताया कि सैद्धांतिक रूप से हमने कैंप्स (Camps) की अवधि और ट्रेनिंग के तरीके में बड़े बदलाव करने का फैसला लिया है। कुछ तौर-तरीकों और एक नए सिस्टम पर अभी चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि नए सिस्टम का ऐलान संभवतः कार्यकर्ता मंडल की बैठक में की जाएगी और फैसला अगले साल से लागू किया जाएगा। ऊटी मीटिंग में हिस्सा लेने वाले एक सीनियर प्रचारक ने कहा कि संक्षेप में कहें तो ट्रेनिंग कैंप्स की समय अवधि कम करने के अलावा ट्रेनिंग में फिजिकल एक्सरसाइज को कम किया जाएगा और बौद्धिक (इंटेलेक्चुअल ट्रेनिंग) को बढ़ाया जाएगा”।