RSS Role In BJP Win Delhi Chunav: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बंपर जीत हासिल की है। पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी की 48 विधानसभा सीटों पर कब्जा कर लिया है और 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है। इस बंपर जीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी अहम भूमिका है। अपनी कार्यशैली के अनुरूप, बिना लाइमलाइट में आए आरएसएस ने वोटर्स के बीच भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में माहौल मजबूत किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में आरएसएस ने एक साइलेंट कैंपेन चलाया। इस दौरान उन्होंने स्वच्छता, साफ पानी, स्वास्थ्य सेवा, वायु प्रदूषण और यमुना नदी की सफाई जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हजारों मीटिंग की। इन मीटिंग का मकसद आम आदमी पार्टी के शासन के मॉडल का मुकाबला करना था। इसमें भ्रष्टाचार के आरोपों और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा अपने दशक भर के शासन के दौरान किए गए अधूरे वादों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि शहर में अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर भी अहम फोकस किया गया।
दिल्ली में आरएसएस का साइलेंट कैंपेन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक अधिकारी ने समाचार न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘ऐसी बैठकों में आरएसएस के स्वयंसेवक केवल लोगों पर असर डालने वाले मुद्दों पर फोकस करते हैं और चर्चा करते हैं। वे लोगों से किसी खास राजनीतिक दल के समर्थन में वोट डालने के लिए साफ तौर से नहीं कहते हैं। लोगों को केवल मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाता है और एक प्रभावी और जवाबदेह सरकार चुनने के लिए वोट डालने के लिए प्रेरित किया जाता है।’
फिर दिखा नई दिल्ली सीट और MCD का दिलचस्प कनेक्शन
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई वोटिंग से करीब एक महीने पहले शुरू किए गए अपने इस अभियान में संघ ने वोटर्स के एक ग्रुप को टारगेट किया। इसमें झुग्गी-झोपड़ी और अनाधिकृत कॉलोनियों के लोग भी शामिल थे। यह आम आदमी पार्टी का मजबूत आधार रहा है। लोकसभा चुनाव होने के बाद में संगठन ने हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अपनी रणनीतियां बनाना तेज कर दिया। इसके बाद बीजेपी की इन दोनों राज्यों में बहुत बड़ी जीत हुई।
संघ और बीजेपी के बीच अच्छा तालमेल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और संघ के बीच में अच्छा तालमेल था। आरएसएस के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अकेले द्वारका में ही कम से कम 500 ड्राइंग रूम मीटिंग की। आरएसएस श्रेय के लिए काम नहीं करता है और यह पर्दे के पीछे काम करने में भरोसा करता है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 48 विधानसभा सीटों पर बंपर जीत हासिल की है। वहीं आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के कई दिग्गज बड़े नेता चुनाव हार गए। इसमें अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती का नाम शामिल है। खड़ाऊं, भरत और टेंपरेरी सीएम… ‘अपमान’ का जवाब आतिशी ने जीत से दे दिया पढ़ें पूरी खबर…