राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने संविधान प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए सोमवार को कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी विचार को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है।

आरएसएस के क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह ने सोमवार को यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने आरक्षण के संबंध में जो विचार दिया था उसे तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण के संबंध में संघ के विचार को लेकर भ्रम उत्पन्न किया जा रहा है और संघ ऐसी कार्रवाई की निंदा करता है।

मोहन के अनुसार, आरएसएस का मानना है कि सामाजिक न्याय एवं सामाजिक समरसता के लिए आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को आवश्यक रुप से रहना चाहिए और संघ संविधान प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि आरक्षण की सुविधा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़े एवं अन्य पिछड़े वर्गों को मिले तथा संविधान निर्माताओं का उद्देश्य सफल हो। उन्होंने कहा कि आरक्षण व्यवस्था का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिये।