राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ ने दक्षिण के राज्य तेलंगाना में अपने पांव मजबूती से जमाने के प्रयास शुरु कर दिए हैं। बता दें कि पहली बार है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने राज्य के हर जिले में अपनी जिला ईकाई स्थापित कर ली है। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने करीब 4 साल पहले हैदराबाद में सिर्फ दो सदस्यों के साथ अपना कार्यालय शुरु किया था। आज मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के हैदराबाद में करीब 3000 सदस्य हैं। इतना ही नहीं एमआरएम ने अब इस साल के अंत तक राज्य में 10,000 सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। तेलंगाना के बाद अब एमआरएम की निगाह दूसरे तेलगू राज्य आंध्र प्रदेश पर है और मंच अगले माह आंध्र प्रदेश में अपना कार्यालय खोलने जा रहा है।

माना जा रहा है कि आरएसएस की निगाह मिशन 2024 पर है, यही वजह है कि आरएसएस अल्पसंख्यक वर्ग में भी अपनी पकड़ बनाना चाहती है। वरिष्ठ आरएसएस नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने रविवार को हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित भी किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, हैदराबाद के ओल्ड सिटी इलाके में आयोजित हुई बैठक में इंद्रेश कुमार के साथ ही कई मुस्लिम धार्मिक नेता भी मौजूद रहे। मुस्लिम धार्मिक नेताओं में मौलाना शेख मोईनुद्दीन शाह कादरी भी शामिल थे। एमआरएम के प्रदेश संयोजक एमए सत्तार ने बताया कि बैठक पर शानदार प्रतिक्रिया मिली है। हम और मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ेंगे। यह भी अहम बात है कि यह बैठक ओल्ड सिटी में आयोजित की गई।

वहीं मंच के प्रदेश सह-संयोजक सैयद फयाजुद्दीन का कहना है कि ‘आरएसएस का डर खत्म होना चाहिए। मुस्लिमों को आरएसएस की बात सुननी चाहिए और अल्पसंख्यकों के बारे में उसके स्टैंड के बारे में भी पता होना चाहिए।’ वहीं मौलाना मोईनुद्दीन शाह कादरी ने बैठक के बाद कहा कि इंद्रेश कुमार के साथ बातचीत से उन्हें आरएसएस और भाजपा के बारे में जो गलतफहमी थी, वो दूर हो गई। वहीं टीआरएस नेता और तेलंगाना वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद सलीम से जब एमआरएम के बढ़ते प्रभाव को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि भारत के अल्पसंख्यक भाजपा औ संघ परिवार के असली चेहरे को पहचानते हैं। भाजपा कितना भी उन्हें खुश करने की कोशिश कर ले, वह भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे।