अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। इसका देश में बहुत विरोध हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने साफ कहा कि दुनिया दबाव से नहीं चलती। इस बीच संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी रामलाल ने आत्मनिर्भरता की पुरजोर वकालत करते हुए रविवार को कहा कि अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने से आई चुनौतियों को भारत वैश्विक स्तर पर अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के अवसर में बदल सकता है।

रामलाल ने क्या कहा?

रामलाल ने उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं और विदेशी निवेशकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पर इस तरह के प्रतिबंध पहले भी लगाए गए थे, जब 1998 में परमाणु परीक्षण किया गया था, लेकिन देश मजबूती से डटा रहा और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहा। यह सम्मेलन भारत मंडपम में भारत वैश्विक उद्योग मंच (BGIF) के तहत आयोजित किया गया था, जिसका विषय था ‘भारत को वैश्विक औद्योगिक केंद्र बनाना’।

रामलाल ने प्रतिबंध लगाए जाने पर कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि भारत ऐसा देश है, जो घास की रोटी भी खा सकता है और लड़ भी सकता है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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‘ये चुनौती एक अवसर है’

आरएसएस के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा, “हम अडिग रहे और आपने देखा कि प्रतिबंध हटा दिए गए। भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा। मैं मौजूदा समय के प्रतिबंधों और चल रहे इस टैरिफ युद्ध के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। यह कब तक चलेगा या कब तक खत्म होगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। लेकिन अगर भारत आत्मविश्वास के साथ खड़ा है, तो ये चुनौती एक अवसर है। अब हम पर निर्भर है कि हम इस अवसर का लाभ उठाते हैं या धमकियों से डर जाते हैं।”

रामलाल ने सरकार, उद्योग संगठनों और आम लोगों से एकजुट होकर इस चुनौती को आत्मविश्वास के साथ स्वीकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रगति तभी होती है, जब ये तीनों एक समान दिशा में सोचते हैं।