संघ ने पासपोर्ट विवाद में फंसे अधिकारी विकास मिश्रा के लिए इंसाफ की मांग की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता राजीव टुली ने कहा है कि लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा को न्याय मिलना चाहिए। राजीव टुली दिल्ली क्षेत्र के प्रचार प्रमुख हैं। लखनऊ में हिन्दू मुस्लिम पत्नी-पति के पासपोर्ट विवाद से चर्चा में आए विकास मिश्रा का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी कानून से ऊपर नहीं हैं और उन्हें भी अपने अधिकारी का पक्ष सुनना चाहिए। राजीव टुली ने शुक्रवार (22 जून) को ट्वीट किया, “विकास मिश्रा को न्याय मिलना चाहिए। विक्टिम कार्ड और ऊपर तक पहुंच इससे इतर भी दुनिया है। सुषमा स्वराज आप कानूनों से ऊपर नहीं हैं। आशा है आप अपने इस अधिकारी की बात भी सुनेंगी। और पूरे मामले की जांच होगी।”

हालांकि राजीव टुली ने बाद में कहा कि उन्होंने ये ट्वीट अपनी निजी हैसियत से किया है ना कि संघ का सदस्य होने के नाते। उन्होंने कहा, “मेरे ट्वीट का आरएसएस से कोई लेना-देना नहीं है, मेरा सिर्फ ये कहना है कि मामले में निष्पक्ष और उचित जांच होनी चाहिए।” बता दें कि नोएडा के रहने वाले मोहम्मद अनस और उनकी पत्नी तन्वी सेठ ने लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केन्द्र पर तैनात अधिकारी विकास मिश्रा की शिकायत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की थी। तन्वी सेठ ने कहा था, ‘‘काउंटर पर अधिकारी का बर्ताव अनुचित था…उन्होंने मुझे बुलाया और पूछा कि क्या मेरी पत्नी का नाम तनवी सेठ है…उन्होंने मुझसे अपना धर्म, नाम बदलने और फेरे लेने को कहा, तभी जाकर काम होने की बात कही।’’

वहीं, दंपती को कथित तौर पर अपमानित करने वाले अधिकारी मिश्रा ने अपने बचाव में कहा कि इस मामले का धर्म से लेना-देना नहीं है और उन्होंने तन्वी से कहा था कि उनका निकाहनामा उनका नाम शाजिया अनस दिखाता है, जिसे उनकी फाइल में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने मीडिया से कहा कि इसके लिए तन्वी ने इनकार कर दिया। यदि उन्होंने सहमति दी होती तो हम इसे डेटा मोडिफिकेशन (तथ्यों में सुधार) के लिए ‘ए’ सेक्शन के पास भेज देते। हमें देखना होता है कि कौन व्यक्ति किस नाम से पासपोर्ट ले रहा है। दस्तावेज साक्ष्य होते हैं, हम उन्हें कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं। अब विकास मिश्रा का तबादला गोरखपुर कर दिया गया है।