राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की संस्था मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक इंद्रेश कुमार ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा है। कुमार ने कहा, ‘फारूक अब्दुल्ला के बयान से मुझे लगता है, जितने आज तक कश्मीर के लिए बलिदान किए गए हैं, उन्होंने उनका अपमान किया है। आज ये बात करके यह बता दिया है कि कम से कम वो हिंदुस्तानी नहीं है और हिंदुस्तान का सगा भी नहीं है।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘वे हिंदुस्तान की एकता और अखंडता के साथ कभी भी सौदा और समझौता करके शायद पाक की झोली मैं बैठने की सोचते हैं।’
बता दें, अब्दुल्ला ने शुक्रवार (25 नवंबर) को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर विवादित बयान दिया था। अब्दुल्ला ने भारतीय संसद में पीओके को देश का अभिन्न अंग बताए जाने वाले प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा, ‘…क्या ये तुम्हारे बाप का है।’ अब्दुल्ला राज्य की चेनाब घाटी में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में उनके बेटे और राज्ये के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
भारत मानता रहा है कि पीओके भारतीय राज्य कश्मीर का अभिन्न अंग है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल्ला ने कहा, ‘पीओके अभी पाकिस्तान के कब्जे में है। ये भारत की निजी जायदाद नहीं है इसलिए वो उस पर अपने बाप-दादाओं से मिली जायदाद की तरह दावा नहीं कर सकता। …भारत सरकार ने भी इसे स्वीकार किया है।’
अब्दुल्ला ने कहा कि भारत सरकार के पास पाकिस्तान से बातचीत के अलावा कोई विकल्प नहीं है ताकि “जम्मू-कश्मीर में जनता पर किए जा रहे अत्याचार का अंत हो सके।’ अब्दुल्ला ने कहा कि भारत में इतनी हिम्मत नहीं है कि वो पीओके को पाकिस्तान से वापस ले सकें और न ही पाकिस्तान में कश्मीर को छीनने का माद्दा है। अब्दुल्ला ने कहा, “दोनों देशों के बीच फंस कर कश्मीर की मासूम जनता को कष्ट सहना पड़ रहा है।”
…woh Hindustan ki ekta aur akhandta ke saath kabhi bhi sauda,samjhauta karke shayad Pak ki jholi mein bhaitne ka sochta: Indresh Kumar,RSS
— ANI (@ANI) November 26, 2016
फारूक अब्दुल्ला ने इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बताए जाने पर भी निशाना साधा था। अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर वह भारत को एक हिंदू राष्ट्र बताते हैं तो कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा। ‘संविधान के खिलाफ बोलने’ पर भागवत के खिलाफ एक्शन लेने की मांग करते हुए उब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर उस भारत का हिस्सा है, जिसमें सभी धर्मों को इसके संविधान में बराबर का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘संविधान में हर धर्म को बराबर अधिकार दिए गए हैं। अगर ये छीना गया तो क्रांति के लिए तैयार रहें, जिसे आप (भारत) नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। समय आ गया है, जब राष्ट्रीय नेताओं को एक ही आवाज में बोलना होगा। आरएसएस प्रोपेगेंडा किसी भी पार्टी को स्वीकार नहीं है।’