कांग्रेस पार्टी के प्रमुख चेहरे रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा 7 जून को होने वाले कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुखर्जी द्वारा इस निमंत्रण को स्वीकार भी कर लिया गया है। यह खबर सामने आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। हालांकि कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी की तरफ से अभी तक इस मामले पर कुछ कहा तो नहीं गया है, लेकिन कांग्रेस खेमे में मुखर्जी द्वारा लिए गए फैसले को लेकर काफी हलचल मची हुई है। कांग्रेस पार्टी के बहुत से नेताओं ने मुखर्जी के फैसले को लेकर तीखे सवाल किए हैं।
इन सारी हलचलों के बीच पहली बार आरएसएस ने अपना बयान जारी कर प्रणव मुखर्जी को आरएसएस के सालाना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर न्योता देने का कारण बताया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक संग द्वारा बयान जारी कर कहा गया है कि जो लोग आरएसएस को अच्छी तरह जानते और समझते हैं, उन्हें इस फैसले पर कोई हैरानी नहीं होगी। संघ ने कहा, ‘यह फैसला उन लोगों को बिल्कुल भी हैरान नहीं करेगा जो आरएसएस को अच्छी तरह जानते और समझते हैं, क्योंकि आरएसएस अपने कार्यक्रमों में हमेशा से ही समाज के प्रतिष्ठित लोगों को न्योता देते आया है। इस बार हमने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी को आमंत्रित किया है और यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि उन्होंने हमारे न्योते को स्वीकार कर लिया है।’
This isn't surprising for those who know & understand the Sangh, because RSS has always invited prominent people of the society in its programmes. This time, we invited Dr Pranab Mukherjee & it's his greatness that he has accepted our invitation: Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) pic.twitter.com/z9aSy2cOWS
— ANI (@ANI) May 29, 2018
बता दें कि 7 जून को नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में सालाना कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, इस कार्यक्रम में प्रणव मुखर्जी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। इस मामले पर कांग्रेस के नेता सचिन दीक्षित ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रणव मुखर्जी ने खुद हिंसा में आरएसएस की भूमिका को लेकर बात कही थी और अब वे इस कार्यक्रम में जा रहे हैं, जो कि काफी आश्चर्यजनक है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि संघ के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करने वाले प्रणव मुखर्जी को अगर आरएसएस अपने कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहा है तो हो सकता है कि संघ का आत्मसम्मान मर गया है या फिर प्रणव मुखर्जी ही बदल गए हैं।