विजयदशमी के मौके पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी डर का माहौल कायम करने के लिए लोगों को चुन-चुन कर निशाना बना रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना को सीमाओं पर हर तरह, हर वक्त मजबूत बनाए रखने की जरूरत है।

बता दें कि, नागपुर के रेशमबाग मैदान में वार्षिक विजयदशमी रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने अगले 50 सालों को लेकर राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की समीक्षा एवं पुन: सूत्रीकरण के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया। बता दें कि विजयदशमी के दिन RSS अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1925 में विजयदशमी के दिन ही संघ की नागपुर में स्थापना हुई थी।

घाटी में सिखों और हिंदुओं की हाल ही में हुई हत्याओं पर संघ प्रमुख ने कहा कि, “370 के तहत विशेष प्रावधानों के खात्मे के बाद, आतंकवादियों के लिए लोगों के मन में डर खत्म हो गया है। इसकी वजह से मनोबल गिराने के लिए वो लोगों की हत्या कर रहे हैं। ऐसा वो पहले भी करते थे।” उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह की स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटना होगा जिससे जंग जीती जा सके।

बता दें कि बीते पांच दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने कम से कम सात आम नागरिकों की हत्या कर दी। इसको लेकर संघ प्रमुख ने अपनी बात रखी।

मालूम हो कि मारे गए लोगों में से चार अल्पसंख्यक समुदायों के थे और छह मौतें श्रीनगर में हुई थीं। हाल ही अपने जम्मू-कश्मीर के दौरे का जिक्र करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आर्टिकल 370 के जरिए जम्मू-कश्मीर को मिलने वाली विशेष शक्तियां खत्म हो चुकी हैं, इसके बाद अब आम लोग इसका लाभ ले पा रहे हैं। लेकिन इससे आगे बढ़ते हुए देश के बाकी हिस्सों में इसके भावनात्मक एकजुटता के लिए प्रयास करने की जरूरत है।

भागवत ने कहा, “लोगों के आपस में दिल और दिमाग मिलने चाहिए। किसी भी भारतीय का देश के साथ व्यापारी जैसा संबंध नहीं है। हमें यह भावना कश्मीर के लोगों के मन में जगानी होगी।”