RSS labour wing: केरल में चल रहे सीपीआई श्रमिक शाखा अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के राष्ट्रीय सम्मेलन में आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की कई नीतियों का विरोध किया है। केरल भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अध्यक्ष सी. उन्नीकृष्णन उन्नीथन (C. Unnikrishnan Unnithan) ने पांच दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ट्रेड यूनियनों को श्रमिक मुद्दों की चर्चा से बाहर करने के केंद्र के प्रयासों का विरोध किया

विरोध की वजह क्या है ?

भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अध्यक्ष सी. उन्नीकृष्णन उन्नीथन ने भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) आयोजित करने में केंद्र की विफलता का जिक्र किया। उन्होने कहा कि सभी श्रम मुद्दों पर सरकार, कर्मचारियों और नियोक्ताओं के त्रिपक्षीय मंचों पर चर्चा होनी चाहिए। सी. उन्नीकृष्णन उन्नीथन ने कहा कि 2015 से कोई आईएलसी बैठक आयोजित नहीं की गई है।

यह इतिहास में पहली बार है कि ट्रेड यूनियनों को (ऐसे परामर्श से) बाहर रखा जा रहा है। उन्होने आगे कहा कि भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि परामर्श तंत्र को कमजोर किया जा रहा है। सरकार बातचीत नहीं कर रही है। जबकि श्रम संहिता 2019 में संसद में पारित की गई थी, अन्य को अगले वर्ष पारित किया गया था। लेकिन उद्योग के कड़े विरोध के कारण आंशिक रूप से उनके लागू किए जाने में देरी हुई है।

आरएसएस समर्थित है भारतीय मजदूर संघ (BMS)

भारतीय मजदूर संघ (BMS) आरएसएस समर्थित संगठन है। मजदूर संघ का कहना है कि हम विरोध करने के लिए सरकार का विरोध नहीं करते हैं। हम कभी भी मजदूर संघों के मुद्दों से पीछे नहीं हटते हैं। राज्यसभा सांसद और सीपीआई के केंद्रीय सचिवालय सदस्य बिनॉय विश्वम ने श्रम अधिकारों से संबंधित कुछ मुद्दों पर भारतीय मजदूर संघ (BMS) का समर्थन किया।

हालांकि आरएसएस समर्थित संगठन आम तौर पर आम हड़तालों से दूर रहता है। अलप्पुझा में भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के कार्यक्रम में देश भर से लगभग 2,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।